हाथरस गैंगरेप केस: एसपी व अन्य के निलंबन आदेश पर खड़ा हुआ विवाद, पीड़ित परिवार का भी होगा नार्काे टेस्ट

पीड़िता परिवार जिसकी बेटी 15 दिनों तक हाथरस-अलीगढ से दिल्ली तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ती रही है, उसके सदस्यों के पाॅलीग्राफी टेस्ट के आदेश पर विवाद उत्पन्न हो गया है।

Update: 2020-10-02 17:10 GMT

जनज्वार। उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार हाथरस गैंगरेप व मर्डर केस को लेकर लगातार निशाने पर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार की शाम इस मामले में जिले के एसपी विक्रांत वीर सहित पांच पुलिस अफसरों को सस्पेंड करने का आदेश दिया। इसके साथ ही इनका नार्काे टेस्ट करवाने का आदेश दिया गया है। लेकिन, इस आॅर्डर में यह भी उल्लेख है कि मामले से जुड़े सभी वादी व प्रतिवादी का नार्काे टेस्ट कराया जाए।

यानी इस मामले में संबंधित पुलिस अधिकारियों के साथ मामले से जुड़े वादी व प्रतिवादी यानी आरोप लगाने वाला पीड़ित परिवार व जिन पर आरोप लगा है उनका भी नार्काे व पाॅलीग्राफी टेस्ट कराया जाएगा।


पीड़िता परिवार जिसकी बेटी 15 दिनों तक हाथरस-अलीगढ से दिल्ली तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ती रही है, उसके सदस्यों के पाॅलीग्राफी टेस्ट के आदेश पर विवाद उत्पन्न हो गया है। आम आादमी पार्टी के सांसद व पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने योगी आदित्यनाथ सरकार के इस फैसले की तीखी आलोचना की है।

संजय सिंह ने ट्विटर पर लिखा : यह क्या अन्याय है योगी जी? गुड़िया तो अपने साथ हुई दरिंदगी का बयान देकर दुनिया से चली गई उसका शव जबरन जला दिया गया, सारे सबूत मिटा दिये गये, अब परिवार का नार्काे टेस्ट करायेंगे, क्या उस गुड़िया के बयान पर भरोसा नहीं है?

उधर, रिपलब्लिक भारत चैनल ने एक विवादित खबर चला रहा है। चैनल यह दावा कर रहा है कि प्रियंका गांधी के हाथरस आने से पहले कांग्रेस ने पीड़िता के भाई को झूठ बोलने के लिए 50 लाख रुपये का लालच दिया। उस खबर में यह दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस समर्थक ने पीड़िता के भाई को फोन कर कहा, प्रियंका गांधी आपके घर आएंगी, आप बोलना योगी सरकार आप पर दबाव बना रही है।

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