हाथरस गैंगरेप : पुलिस ने नहीं सुनी मां की गुहार, पत्रकारों-परिजनों को रोक कर फूंक दिया शव
पीड़िता की मां रात में दो बजे यह गुहार लगाती रहीं कि वे अपनी बच्ची की अपने घर के दरवाजे से विदाई करना चाहती हैं। वे हिंदू रीति से पूरी रस्म पूरा करना चाहती हैं और अपनी लड़की की अंतिम यात्रा से पहले उसके शव को हल्दी आदि लगाने की रस्म पूरा करना चाहती हैं।
जनज्वार। हाथरग गैंगरेप की दलित पीड़िता का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाह से करने के लिए उसके परिजन गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी। पुलिस ने घर वालों की बातों को अनसुना कर भारी सुरक्षा के बीच मंगलवार रात दो बजे पीड़िता का शव जला दिया। जबकि शवदाह करना किसी भी व्यक्ति के परिवार का अधिकार है। यहां तक पत्रकारों को भी घटना स्थल पर जाने व खबर को कवर करने से रोका गया। इसको लेकर कुछ वीडियो पत्रकारों ने ट्विटर पर साझा किया है।
पीड़िता की मां रात में दो बजे यह गुहार लगाती रहीं कि वे अपनी बच्ची की अपने घर के दरवाजे से विदाई करना चाहती हैं। वे हिंदू रीति से पूरी रस्म पूरा करना चाहती हैं और अपनी लड़की की अंतिम यात्रा से पहले उसके शव को हल्दी आदि लगाने की रस्म पूरा करना चाहती हैं।
हाथरस पीड़िता की मां उपने हाथों में हल्दी की कटोरी लिए बैठी रही। वह लगातार पुलिस से गिड़गिड़ाती रही कि बस एक बार मुझे मेरी बेटी का चेहरा ही दिखा दो। मै अपनी बेटी के लिए हल्दी लेकर बैठी रही लेकिन इन पुलिस वालों ने मेरी बेटी को ले जाकर जला दिया। मुझे मेरी लाडली का आखिरी बार चेहरा तक नहीं देखने दिया।
वही डेड बॉडी जलाने के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद था। पुलिस दल के अगुवा क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर संजीव शर्मा किसी सड़क छाप मवाली की तरह बात करते दिखे। वह मीडिया से भी उलझता दिखाई दिए। रिपोर्टर ने पूँछा सर ये क्या चल रहा है जिसके जवाब में संजीव शर्मा झल्लाते हुए कहता है क्या चल रहा है जो चल रहा है डीएम से जाकर पूछो। पीड़िता की डेड बॉडी एक तरफ जल रही थी लेकिन इंस्पेक्टर संजीव कुमार शर्मा कह रहे थे कि मुझे नहीं पता क्या हो रहा है। मै सिर्फ यहाँ लॉ एण्ड आर्डर को दुरुस्त रखने के लिए खड़ा हूँ। मै किसी को कुछ भी बताने के लिए नहीं लगा हूँ जो पूँछना है डीएम से जाकर पूंछो।
इस घटना को लेकर जो वीडियो आया है वह दूर से मीडिया कर्मियों ने शूट किया है। ऐसा पुलिस द्वारा रोके जाने की वजह से किया गया है। मौके पर तैनात किए गए क्राइम ब्रांच के पुलिस इंसपेक्टर संजीव शर्मा यह कहते सुने जा रहे हैं कि उन्हें बोलने का अधिकार हिंदुस्तान में नहीं है, क्योंकि वे थर्ड ग्रेड के अधिकारी हैं। वे पत्रकारों से यह कह रहे हैं कि उन्हें लोगों को इस जगह से आगे बढने नहीं देने को कहा गया है। पुलिस अधिकारी यह भी पत्रकारों से कह रहे हैं कि डीएम साहब से आपकी बात हुई है क्या?
इंसपेक्टर संजीव शर्मा यह भी कह रहे हैं कि उनकी ड्यूटी यहां लाॅ एंड आर्डर के लिए लगायी गई है, सवालों का जवाब देने के लिए नहीं लगायी गई है। रिपोर्टर पुलिस से पूछ रही हैं कि यहां यह जल क्या रहा है, बाॅडी है कुछ और यह बता दीजिए। इस घटना को लेकर पुलिस हाथों से घेराबंदी करते हुए व लोगों हटाते हुए वीडियो में दिख रही है।