हाथरस कांड : बीजेपी आइटी सेल के हेड अमित मालवीय पीड़िता का वीडियो शेयर कर घिरे, भेजा जा सकता है नोटिस

भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के अनुसार, कोई व्यक्ति अगर किसी ऐसे शख्स की पहचान उजागर करता है जो यौन उत्पीड़न का शिकार हुआ है तो ऐसा करने वाले को दो साल की कैद की सजा हो सकती है।

Update: 2020-10-04 03:43 GMT

अमित मालवीय ने ट्विट कर हनुमान चालीसा विवाद को और दिया तूल, बोले - 'किसी ने नहीं कहा नमाज घर के अंदर पढ़ें'

जनज्वार। अपने कार्यकलापों को लेकर विरोधी दल के नेताओं से लेकर अपनी पार्टी तक के निशाने पर आने वाले भाजपा आइटी सेल के हेड अमित मालवीय एक नए विवाद में घिर गए हैं। अमित मालवीय ने एक वीडियो दो अक्तूबर को अपने ट्विटर एकाउंट पर पोस्ट किया जिसे उन्होंने हाथरस पीड़िता का बताया है। इस वीडियो में लड़की का चेहरा साफ तौर पर दिख रहा है। मालवीय के इस वीडियो पर सवाल उठ खड़ा हुआ है।

संडे एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि अगर वह पीड़िता ही होगी तो यह ऐसे वीडियो को ट्वीट करना दुर्भाग्यपूर्ण है और पूरी तरह से गैरकानूनी है।

वहीं, उत्तप्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने कहा कि उन्होंने वीडियो नहीं देखा है, लेकिन अगर उन्होंने महिला की पहचान का खुलासा किया है तो निश्चित रूप से यह आपत्तिजनक है और आयोग इस पर संज्ञान लेकर अमित मालवीय को नोटिस भेजेगा।

मालूम हो कि भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के अनुसार, कोई व्यक्ति अगर किसी ऐसे शख्स की पहचान उजागर करता है जो यौन उत्पीड़न का शिकार हुआ है तो ऐसा करने वाले को दो साल की कैद की सजा हो सकती है।

अमित मालवीय ने दो अक्तूबर को दो अक्तूबर को 48 सेकेंड का एक वीडियो अपने ट्विटर एकाउंट पर पोस्ट किया। इसे पोस्ट करने के साथ उन्होंने इसे हाथरस पीड़िता की एएमयू के बाहर एक रिपोर्टर से बातचीत बताया। इसमें लड़की ने बताया कि उसका गला घोंटने की कोशिश की गई। मालवीय अपने इस वीडियो के जरिए यह बताने चाहते थे कि लड़की के साथ हिंसा तो हुई है, लेकिन उसे यौन हिंसा में रंगने का प्रयास किया जा रहा है।


हालांकि संडे एक्सप्रेस ने अपनी खबर में कहा है कि अमित मालवीय से इस मामले में मैसेज व काॅल का कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि कुछ लोग हाथरस मामले को यौन हमला बताने पर तुले हुए हैं, जबकि पीड़िता और उसकी मां के आरंभिक बयानों व विभिन्न जांच एजेंसियों की एक भी रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है।

अमित मालवीय ने भाजपा महिला मोर्चा की प्रभारी प्रीति गांधी का एक ट्वीट को भी शेयर किया जिसमें कहा गया है कि यदि पीड़िता का वीडियो पोस्ट किया गया तो वह कौन से कानून का उल्लंघन है? किसी भी रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि उसके साथ यौन हिंसा हुई थी। यह केवल लुटियन मीडिया की कल्पना का एक चित्रण है। क्या हम कानून के राज या कुछ के मतिभ्रम से नियंत्रित होते हैं?


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