हाथरस कांड में बड़ा दावा, नक्सली महिला पीड़िता की भाभी बनकर पुलिस-मीडिया से होती थी रू-ब-रू

महिला ने कई टीवी चैनलों को भी पीड़िता की भाभी बन कर इंटरव्यू दिया था। एसआइटी सूत्रों का दावा है कि यह महिला नक्सली घटना के दो दिन बाद हाथरस में पीड़िता के गांव आयी थी....

Update: 2020-10-10 08:42 GMT

जनज्वार। हाथरस गैंगेरप एवं मर्डर केस में एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले की जांच कर रही एसआइटी ने दावा किया है कि पीड़िता के गांव में मध्यप्रदेश के जबलपुर की एक नक्सली महिला भेष बदल कर रह रही थी और वह पत्रकारों व नेताओं से खुद को पीड़िता की भाभी बता कर मुलाकात करती थी।

उसने कई टीवी चैनलों को भी पीड़िता की भाभी बन कर इंटरव्यू दिया था। एसआइटी सूत्रों का दावा है कि यह महिला नक्सली घटना के दो दिन बाद हाथरस में पीड़िता के गांव आयी थी। हाथरस की दलित लड़की के साथ 16 सितंबर को कथित रूप से गैंगरेप हुआ था और और उसके बाद आरोपियों ने उसकी बेरहमी से पिटाई की थी, जिससे उसकी रीढ की हड़डी टूट गई थी और शरीर के अन्य हिस्सों में चोट आयी थी।

घटना के बाद पीड़िता को पहले इलाज के अलीगढ मेडिकल काॅलेज में भर्ती कराया गया लेकिन हालत बिगड़ने पर उसे 28 सितंबर को एयर एंबुलेंस से इलाज के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां अगले ही दिन 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद लोगों का गुस्सा व आक्रोश बढ गया और प्रदर्शन व पीड़ित परिवार से मुलाकात शुरू हो गई।

इस मामले में सूत्रों का कहना है नक्सली महिला 16 सितंबर से 22 सितंबर तक पीड़ित परिवार के साथ रही। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब काॅल डिटेल खंगाली गई। रिपोर्ट के अनुसार, नक्सली महिला की पीड़िता की असली भाभी से फोन पर बात होती रहती है।

महिला घूंघट ओढ कर  ही सभी से बातचीत करती थी। उस पर आरोप है कि वह पीड़िता के घर पर रह कर परिवार को भड़का रही थी। उसके काॅल डिटेल्स के हवाले से कई खुलासे की बात कही जा रही है।

मालूम हो कि इससे पहले हाथरस कांड में पाॅपुलर फ्रंट आफ इंडिया, पीएफआइ और भीम आर्मी के लिंक की बात कही गई थी।

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