हिस्ट्रीशीटर देवेंद्र सिंह गब्बर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को किया सम्मानित, साझा किया मंच-सोशल मीडिया पर मचा हंगामा

सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी का कहना है कि मुख्यमंत्री का ऐसे बदमाशों के साथ मंच साझा करना कोई नई बात तो नहीं हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लॉ एंड ऑडर को मेंटेन करने में पूरी तरह से विफल रही है.....

Update: 2021-03-28 11:42 GMT

जनज्वार ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीते दिन उत्तर प्रदेश के बहराइच में महाराणा प्रताप की मूर्ति का अनावरण करने आए और इस दौरान उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और हिंदू शौर्य के प्रतीक महापुरुषों का जिक्र कर लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ा। हर किसी ने उनकी भावनात्मक छवि और राष्ट्रप्रेम की तारीफ की। पूरे कार्यक्रम को ठाकुर हुकुम सिंह किसान महाविद्यालय में आयोजित किया गया था और उस दौरान उन्होंने कहा कि चार वर्ष में गरीबों को उपचार के लिए 900 करोड़ रुपये दिए गए है।

मुख्यमंत्री इस दौरान अपनी सरकार की वाहवाही करते हुए नजर आए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ हिस्ट्रीशीटर देवेंद्र सिंह गब्बर भी मौजूद रहा। देवेंद्र सिंह गब्बर पर बैक लूटने, कई हत्याओं में शामिल और जबरन उगाही समेत कई आरोपों में आरोपी रह चुके हैं।

गोरखपुर से तरीबन 250 किलोमीटर दूर बहराइच का रहने वाले हिस्ट्रीशीटर देवेंद्र सिंह गब्बर ने कल प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ मूर्ति अनावरण कार्यक्रम के दौरान मंच साझा किया है। यह वही सरकार है जो ज़ीरो टॉलरेंस की बात करती रही है लेकिन बदमाशों के साथ एक ही मंच शेयर भी करते है।

सपा बसपा कार्यकाल के दौरान हिस्ट्रीशीटर देवेंद्र सिंह गब्बर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी जिसके बाद बीते दिन देवेंद्र सिंह गब्बर राज्य की साफ-सुथरी सरकार के साथ मौजूद रहे।

'जनज्वार' से बातचीत के दौरान सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी का कहना है कि मुख्यमंत्री का ऐसे बदमाशों के साथ मंच साझा करना कोई नई बात तो नहीं हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लॉ एंड ऑडर को मेंटेन करने में पूरी तरह से विफल रही है। इस सरकार में महिलाओं के प्रति और दलितों के प्रति अत्याचार बढ़े हैं। हर दिन रेप जैसी जघन्य घटनाएं उत्तर प्रदेश में देखने को मिलती हैं और उस पर भाजपा का यह कहना कि अपराधी जेल छोड़कर चले गए है इसका कोई औचित्य नही बनता है।

उन्होंने आगे कहा कि अगर इनके हिसाब से अपराधी जेल छोड़कर चले गए होते तो इतनी ज्यादा तादाद में अपराध हो रहे है वो कौन कर रहा है। क्या वह भाजपा के कार्यकर्ता कर रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री की अपराधिक पृष्टभूमि रही है। उन्होंने अपने और अपने नेताओं के ऊपर लगे मुकदमे भी वापस ले लिए हैं। इन्होंने हमेशा अपराधियों का समर्थन किया है।'

'भाजपा की कथनी और करनी में बहुत अंतर दिखाई देता हैं। 2014, 2017 और 2019 के चुनावों में अगर प्रत्याशियों का आंकलन करेंगे तो उसमे आप देखेंगे कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट बताती है कि सबसे ज्यादा दागी प्रत्याशियों को भाजपा ने ही टिकट दिए हैं। उत्तर प्रदेश में चुनकर आए विधायकों पर कई संगीन आरोप हैं।'

अब्दुल हफीज गांधी आगे कहते हैं, 'अगर हम हिस्ट्रीशीटर विकास दूबे की बात करें तो ये इन्हीं की सरकार में पल रहा था, नहीं तो किसी की इतनी हिम्मत हो सकती है कि वो इतने सारे लोगों को शहीद कर दे। भारतीय जनता पार्टी ऐसे लोगो को पालती है और सरंक्षण देती है तो बाजपा मन से कहती कुछ और है लेकिन इनकी करनी और कथनी में फर्क होता है।'

योगी सरकार में जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर अब सोशल मीडिया पर कई लोग आवाज उठा रहे हैं। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखते हैं', 'अभी तक एक भी 'न्यूज चैनल' ने देवेंद्र सिंह गब्बर के योगी आदित्यनाथ के मंच पर होने की खबर की पट्टी तक नहीं चलाई है। सोचिए, इस दुर्दांत अपराधी ने कई बैंक लूटे हैं, हत्याओं में शामिल रहा है, उगाही की है, पर आज मुख्यमंत्री जी के साथ पवित्र होकर जनसेवक बन गया है। शर्म करे मीडिया।'

सूर्य प्रताप सिंह इस मुद्दे को न उठाए जाने को लेकर राष्ट्रीय मीडिया की भूमिका पर भी सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा, 'मैं राष्ट्रीय मीडिया को खुली चुनौती देता हूँ। योगी आदित्यनाथ के मंच पर उत्तरप्रदेश का सबसे बड़ा डकैत और हिस्ट्रीशीटर देवेंद्र सिंह गब्बर मौजूद था। क्या कोई भी चैनल इस खबर को दिखा सकता है? अगर इस देश में लोकतंत्र ज़िंदा है तो एक बार इस खबर पर डिबेट कर के दिखा दे कोई।'

वहीं सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आई पी सिंह लिखते है, 'माफिया देवेंद्र सिंह गब्बर का बहराइच और अयोध्या में भारी निवेश है। उसने भाजपा संगठन के लोगों को कितने पैसे दिए की वो योगी आदित्यनाथ के मंच पर आ गया? अब लुटेरों को संरक्षण देंगे योगी जी? आप खुद को संत कहते हैं? चोर और डकैतों के साथ संत?'

यूपी कांग्रेस ने भी इस मसले को उठाया है। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यूपी कांग्रेस ने लिखा, 'उत्तर प्रदेश में अपराधियों का प्रदेश छोड़ने का दावा ज़रूर हवाई हो लेकिन अपराधी मुख्यमंत्री के साथ मंच पर ज़रूर जगह पा रहे हैं, जगह भर नहीं पा रहे बल्कि मुख्यमंत्री को सम्मानित भी कर रहे हैं। ऐसा ही एक अपराधी है राणा ज्वेलर्स समेत तमाम बैंक लूटने वाला देवेंद्र सिंह उर्फ गब्बर।'

सामाजिक कार्यकर्ता विपिन राठौर ने अपने ट्विट में लिखा, 'उत्तर प्रदेश का एक बड़ा हिस्ट्रीशीटर देवेंद्र सिंह गब्बर और योगी जी एक मंच पर ? क्या कोई मीडिया का साथी बाबा जी से यह पूछने की हिम्मत दिखायेगा कि एक हिस्ट्रीशीटर से सम्मान पाकर वो कैसा महसूस कर रहें हैं ?'

समाजवादी पार्टी ने लिखा, 'अपराध और अपराधी, भारी अपराध रिकॉर्डधारी सीएम के सच्चे साथी " कानपुर के बाद गोरखपुर में सरकार के मंच पर स्वागत चिन्ह देकर सीएम का स्वागत करना, घोर निंदनीय! सीएम का हाथ, दुर्दांत अपराधी "गब्बर" के साथ। अब किसका घर गिराएगी सरकार?'


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