कानपुर में छेड़खानी की शिकार लड़की की फंदे पर लटकती मिली लाश, रिपोर्ट लिखाने गये पिता को पुलिस ने भगाया

इस मामले में पुलिस का कारनामा खूब रहा, पहले लड़की के साथ छेड़खानी और मारपीट की शिकायत जिस पुलिस ने नहीं लिखी थी उसकी मौत की सूचना मिलते ही पुलिस ने रात में फटाफट एफआईआर लिख ली...;

Update: 2021-04-02 06:14 GMT
कानपुर में छेड़खानी की शिकार लड़की की फंदे पर लटकती मिली लाश, रिपोर्ट लिखाने गये पिता को पुलिस ने भगाया
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जनज्वार, कानपुर देहात। महिलाओं और बच्चियों के साथ होने वाले यौन अपराधों को लेकर योगी आदित्यनाथ अक्सर पुलिस को कड़े निर्देश जारी करते रहते हैं, लेकिन उनकी पुलिस है की नाबालिग बच्चियों तक से होने वाले अपराधों को टरकाने में लगी रहती है। ताजा मामला और ऐसा ही कुछ चरित्र कानपुर देहात पुलिस का सामने आया है। यहां पुलिस की लापरवाही से एक छेड़छाड़ पीड़ित नाबालिग बच्ची की संदिग्ध मौत हो गई। पिता का आरोप है कि छेड़छाड़ के आरोपियों ने ही बच्ची की ह्त्या कर डाली है।

कानपुर देहात के राजपुर इलाके में गुरुवार 1 अप्रैल की शाम छेड़छाड़ पीड़िता 14 वर्षीय नाबालिग छात्रा का शव उसके घर पर फ़ांसी से लटकता मिला। हैरानी इस बात की है उस समय उसका पिता राजपुर थाने में बेटी से छेड़खानी करने वाले पडोसी लड़कों के खिलाफ छेड़खानी और मारपीट की एफआईआर लिखाने गया था, लेकिन पुलिस ने उसकी एफआईआर लिखने की जगह थाने से भगा दिया।

पिता का आरोप है कि बच्ची को आरोपियों ने मारकर टांग दिया था। पिता के मुताबिक मेरी लड़की को पड़ोसी राधेश्याम के लड़के छेड़ते थे, मैंने शिकायत की तो सबने मिलकर मेरी बेटी और पत्नी को गुरुवार 1 अप्रैल को मारा। जिसकी शिकायत करने मै शाम को राजपुर थाने गया तो वहां दरोगा साहब ने भगा दिया लौट कर आया तो बेटी फंदे पर लटकी थी। इस मामले में पुलिस का कारनामा खूब रहा। पहले लड़की के साथ छेड़खानी और मारपीट की शिकायत जिस पुलिस ने नहीं लिखी थी, उसकी मौत की सूचना मिलते ही पुलिस ने रात में फटाफट एफआईआर लिख ली।

इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया का कहना है, परिजनों ने पड़ोसी और उसके लड़के पर ह्त्या करने का आरोप लगाया है। उसकी एफआईआर लिखकर कार्यवाही की जा रही है। एक लड़के को हिरासत में लिया गया है, बाकी की तलाश की जा रही है। मामले में बड़ी बात जो निकलकर आ रही है वह ये कि अगर पिता की दिन में ही शिकायत लिखकर पुलिस लड़की के यहां जांच करने गई होती तो उसकी जान बच सकती थी।

इस मामले में परिजन जहां सीधे सीधे ह्त्या करने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं पुलिस पर भी समय पर कार्यवाही न करने के आरोप है। अब देखना ये होगा आखिर आरोपियों के साथ हिला-हवाली करने वाले पुलिस वालों पर क्या कार्यवाही होती है। होती भी है या एक संदिग्ध हुई मौत के बाद खानापूर्ति कर फाईल में एफआर लगाकर बंद कर दिया जाएगा।

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