यूपी में 5 की औकात रूपया बराबर न्यायालय व सरकार की लड़ाई में पिसने लगी जनता, घरेलू सामान व सब्जियों के रेट हुए हाई

न्यायपालिका और कार्यपालिका में छिड़े घमासान के बीच जनता का पिसना शुरू हो चुका है। अठन्नी की चीज पाँच रूपये में मिलनी शुरू हो गई है। जनता माने नागरिक मतलब वोटर का पाँच रूपया दुकानदार की अठन्नी के बराबर चलना शुरू हो चुका है...

Update: 2021-04-22 00:54 GMT

जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। जो सोचा था शुरू हो गया है। शीशे के कमरे में बैठे रंगरूट इसके लिए भी अपने मौजूदा व्यक्तिगत अन्नदाता की महानता बता सकते हैं। महानता हो सकती है वो अपनी जगह है लेकिन महानता इसमें क्या जब जनता का तेल निकल जाए। जनता वो जिसने उन्हें महानता का ना दिया जा सकने वाला लोगो दिया है। उत्तर प्रदेश से लेकर देश में इन दिनो एक ऐसी सरकार सत्ता पर काबिज है जिसके होने ना होने का कोई मतलब कोई दायित्व नहीं है। कुल मिलाकर एक अस्तित्वहीन सरकार। 

उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ की बीते दिनो कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वह आइसोलेट हो गए। लखनऊ के सबसे बड़े अस्पताल पीजीआई ने उनके लिए विशेष तौर पर एहतियात बरतने व किसी भी समय विशेष चिकित्सा सुविधा के लिए कमर कस रखी थी। य़े ठीक भी है उनकी अपनी जान कीमती है, वो अलग बात है कि उनके आदेश के बाद यूपी के प्रत्येक 75 जिलों के नागरिक अब अस्पताल में भर्ती होने से पहले सीएमओ से लिखित लेटर प्राप्त करेंगे।  

इधर न्यायपालिका और कार्यपालिका में छिड़े घमासान के बीच जनता का पिसना शुरू हो चुका है। अठन्नी की चीज पाँच रूपये में मिलनी शुरू हो गई है। जनता माने नागरिक मतलब वोटर का पाँच रूपया दुकानदार की अठन्नी के बराबर चलना शुरू हो चुका है। क्या योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम 11 के कुछ साथियों सहयोगियों के अलावा कोई अन्य मंत्री अथवा अधिकारी अफसर ठीक नहीं बचा है जो इन सभी खामियों को देख सके। अगर नहीं तो यकीन जानिए आपका ये काम जनता के पेट का कब्ज बन रहा, दूर जरूर होगा।

मार्केट के बीच हर आमआदमी, नौकरीपेशा, मजदूर इत्यादि पीसा जाना शुरू कर दिया गया है। चीनी, चावल, तेल, आटा, सब्जी तमाम चीजों की कालाबाजारी शुरू हो गई है। धनपिपासू जनता के खून से कमाई गई गाढ़ी कमाई को आपदा में अवसर की तरह लूटने चूसने के लिए लग गए हैं। ये हालात होने भी थे तब जब पीएम मोदी इन मरघटी हालातों को दूसरों पर थोपकर चलते बने।

लॉकडाउन की आहट मिलते ही मुनाफाखोर व जमाखोर सक्रिय हो गए हैं। घरेलू वस्तुओं की कालाबाजारी शुरू हो गई है। चीजों के स्टॉक लगाने सहित रोजमर्रा की वस्तुएं मंहगे दामो पर लोगो को दिया जा रहा है। कोरोना महामारी और तमाम आफतों दिक्कतों के बीच सही मायनो में आम आदमी नौकरीपेशा का जीना दूभर होने लगा है।

मंहगाई की जद में सबसे पहले वो ही जिले आ भी रहे हैं जिन्हें सोमवार की शाम उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने एक सप्ताह के लिए पूर्णतया लॉकडाउन लगा देने का आदेश जारी किया था। इसके अलावा उन्नाव, कानपुर देहात, घाटमपुर, फतेहपुर, हमीरपुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी इत्यादि जिलों से मंहगे दामो पर घरेलू सामान के खरीद फरोख्त के इनपुट जनज्वार को मिले हैं।

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