UP के बलिया में सहारा के पत्रकार की गोली मारकर हत्या

एसपी ने कहा है कि पुराने विवाद की वजह से पत्रकार रतन सिंह की हत्या की गई है, मामले की जांच की जा रही है और जल्द सारे आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा...

Update: 2020-08-25 03:02 GMT

जनज्वार। यूपी के बलिया स्थित फेफना थाना क्षेत्र में सोमवार देर रात बदमाशों ने एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी। पत्रकार की हत्या के बाद इलाके में सनसनी फैल गयी। मामला फेफना कस्बे का है। जहां रहने वाले पत्रकार रतन सिंह सहारा समय टीवी चैनल के संवाददाता थे। बताया जा रहा है कि सोमवार की रात उनके घर के पास ही बदमाशों ने उन्हें घेर कर गोली मार दी।

बदमाशों की गोली से घायल पत्रकार रतन सिंह की मौके पर ही मौत हो गयी। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है। बलिया के एसपी देवेंद्र नाथ ने बताया कि झगड़े के दौरान पट्टीदारों ने पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी है। पुलिस कार्यवाही में जुटी हुई है।

पत्रकार की हत्या से जिले में हड़कम्प मच हुआ है, जबकि पत्रकारों के बीच रोष व्याप्त है। पुलिस वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लेने का दावा कर रही है। पत्रकार रतन सिंह की गोली मार कर हत्या को लेकर बलिया के पत्रकार बैठे नेशनल हाइवे 31 पर बैठे धरने पर। 

सोमवार रात रतन सिंह फेफना स्थित अपने पुराने मकान को देखने गए हुए थे। वहाँ पहले से मौजूद कुछ बदमाशों ने उन्हें दौड़ा लिया। बदमाशों से भागते भागते रतन सिंह ग्राम प्रधान सीमा सिंह के मकान में घुस गए। सीमा सिंह के मकान में ही बदमाशों ने उनके सिर में गोली मार दी जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

एसपी बलिया ने बताया कि रतन सिंह की पट्टीदारी के विवाद में हत्या हुई है। यह विवाद पिछले आठ महीने से चल रहा था। मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। फेफना थाना प्रभारी शशि मौली पांडेय को निलंबित कर दिया गया है। थाने के अन्य लोगों के विरुद्ध भी कार्यवाई की जा रही है उन सब की जांच कराई जाएगी। पुलिस ने जिन तीन लोगों को हिरासत में लिया है उनमें अरविंद सिंह, दिनेश सिंह, सुनील सिंह नाम के व्यक्ति बताए जा रहे हैं।

पत्रकार हत्या मामले में आजमगढ परिक्षेत्र के डीआइजी का बयान आया है। आजमगढ परिक्षेत्र के डीआइजी ने कहा है कि तीन मुख्य आरोपियों को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि घटना को लेकर पुराना विवाद है और उसी संघर्ष में हत्या हुई है। उन्होंने कहा कि यह आपसी रंजिश व पुराने विवाद में हुई हत्या है। उन्होंने कहा कि इस हत्या के पीछे कहीं पत्रकारिता नहीं है। पहले भी दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर एफआइआर करायी थी। दोनों पड़ोसी थे और जमीन विवाद थे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में छह लोगों की अबतक गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से पत्रकार के परिवार को दस लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान किया गया है।

इससे पहले पिछले महीने अपराधियों ने गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी को गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी। विक्रम जोशी को अपराधियों ने भांजी की छेड़खानी से रोकने व उस संबंध में पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने को लेकर मारी थी। विक्रम जोशी को जिस समय गोली मारी गई थी उस वक्त वे अपनी बेटियों के साथ घर लौट रहे थे और घर के पास ही अपराधियों ने गोली मार दी। यह घटना 20 जुलाई की है। 

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