प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पत्रकार ने गांधी जयंती के दिन दी आत्मदाह की धमकी

पीड़ित पत्रकार का आरोप है कि उसके द्वरा छापी गई खबरों के बाद जिम्मेदार अधिकारियों को तत्कालीन एसपी अनुराग आर्य द्वारा बचाने के लिए अपने कुर्सी बल के अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए सम्बंधी खबरों से नाराज़ होकर उनकी हत्या का प्रयास कराने का प्रयास कर रहे हैं.........

Update: 2020-08-27 13:52 GMT

मनीष दुबे की रिपोर्ट

मऊ। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के दैनिक समाचार पत्र 'आज' के ब्यूरो चीफ एवं उत्तर प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार ऋषिकेश पांडेय ने राष्ट्रपति प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के राज्यपाल को पत्र लिखकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के दिन 2 अक्टूबर को आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। पत्रकार ऋषिकेश पांडे ने अपने पत्र में यह आरोप लगाया है कि खबर लिखने के कारण स्थानीय प्रशाशन उनकी हत्या कराना चाहता है।

ऋषिकेश पाण्डेय पुत्र स्व.अवधनाथ पाण्डेय, जनपद मऊ मुख्यालय हिन्दी दैनिक आज के मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं और गाजीपुर जनपद के ग्राम देवां पाण्डेयपुरा थाना दुल्लहपुर के निवासी हैं। पत्रकार ने फर्जी पासपोर्ट के पर्दाफाश मामले में कोपागंज थाने में दर्ज संख्या 396/19 का लगातार फालोअप अपने अखबार 'आज' में प्रकाशित किया था।

पीड़ित पत्रकार का आरोप है कि उसके द्वरा छापी गई खबरों के बाद जिम्मेदार अधिकारियों को तत्कालीन एसपी अनुराग आर्य द्वारा बचाने के लिए अपने कुर्सी बल के अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए सम्बंधी खबरों से नाराज़ होकर उनकी हत्या का प्रयास कराने का प्रयास कर रहे हैं। जिसके विरोध में एसपी आफिस मऊ का घेराव किया गया। मामले की सीबीआई अथवा सीबीसीआईडी जांच के लिए मुद्दा विधान परिषद लखनऊ में भी उठाया गया।

Full View

मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री, महामहिम राष्ट्रपति तक से गुहार लगायी मगर, आठ माह बाद भी न फर्जी पासपोर्ट का एक भी लाभार्थी पकङा गया, ना ही कोई जिम्मेदार अधिकारी का ही नाम विवेचना में सामने आया। इसके अलावा मामले की उच्चस्तरीय जांच भी नहीं करायी गयी। दोषी अधिकारियों द्वारा पत्रकार की हत्या की साजिश लगातार जारी है। जिससे भ्रष्टाचार उजागर करने वाले पत्रकार को आठ माह से अपराधियों की भांति लुक-छिपकर जिन्दगी बितानी पङ रही है।

पत्रकार ने अपने लिखे पत्र में उपरोक्त प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराने और जांच पूरी होने तक पत्रकार को समुचित सुरक्षा प्रदान की जाए। अन्यथा 02 अक्टूबर 2020 को विधानसभा लखनऊ के सामने आत्मदाह करने के लिए विवश होऊंगा। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

Similar News