किसानों के बाद धान न बिकने से आहत पत्रकार ने किया सुसाइड, BJP सांसद विधायक को ठहराया जिम्मेदार

पत्रकार ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि 'अब शायद आप लोगों को मेरी लाश भी ना मिले। जहर और शराब दोनों मैंने खरीद ली है, इस विधायक से कह दो तुम्हारे गुंडे, पुलिस मुझे नहीं तलाश कर सकते......

Update: 2020-11-17 10:36 GMT

लखीमपुर खीरी। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पत्रकार ने सुसाइड कर लिया है। बताया जा रहा है वह अपने धान न बिकने को लेकर परेशान चल रहे थे। पत्रकार ने सुसाइड से पहले अपने फेसबुक एकाउंट पर कुछ पोस्टें शेयर करते हुए भाजपा सांसद, भाजपा विधायक सहित एक सिपाही पर अपनी मौत की जिम्मेदारी का आरोप लगाया है।

पत्रकार द्वारा किया गया सुसाइड धान न बिकने को लेकर बताया जा रहा है। घटना मोहम्मदी कोतवाली के शंकरपुर चौराहा की है। जहां पत्रकार दिलीप शुक्ला ने आत्महत्या की है। दिलीप पिछले कई दिनों से फेसबुक पर अपनी पीड़ा लिख रहे थे। दिलीप ने मरने से पहले क्षेत्रीय विधायक और सांसद व पूर्व सरकार में तहसील स्तर के पदाधिकारी रहे एक मौजूदा पत्रकार पर गम्भीर आरोप लगाए हैं।

दिलीप शुक्ला के फेसबुक खाते में लिखी उनकी जानकारी के मुताबिक वह अधिवक्ता भी हैं और पत्रकार भी। दिलीप की अक्टूबर 6 को लिखी गई पहली पोस्ट में लिखा है कि 'पता नहीं कौन क्या करेगा? अगर कोई पक्ष राजनीति ना करे तो मैं किसान न होने के बावजूद आपके सहयोग से एसडीएम से कुछ सवाल पूछना चाहूंगा। समय आप जो तय करें। राजनीति वाले दूर रहें, पीड़ित ही समय बताए। आप लोग समय कल के बजाय परसों भी रख सकते हैं। लेकिन कल 12 बजे से पहले ही अवगत करा देना।'

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अपनी पोस्ट में आगे दिलीप शुक्ला लिखते हैं कि 'मेरा निवेदन है कि बीजेपी, सपा, बसपा या जो भी राजनीतिक पार्टी या उसका सप्पोर्टर हो, वह किसी भी माध्यम से प्रयास सपने में भी न करे। पता नहीं कहां पर उसका नुकसान हो जाएगा।'

इस पोस्ट के दो दिन बाद यानी 8 अक्टूबर को दूसरी पोस्ट लिखी जिसमे लिखा कि 'सांसद, विधायक मेरी लाश पर वोट मांगने मत जाना मेरा अंतिम निवेदन।' अक्टूबर 8 को ही 12:36 पर लिखी दूसरी पोस्ट में लिखा गया 'आज मैं अपने जीवन की अंतिम पोस्ट सांसद, विधायक को समर्पित कर रहा हूँ। आगे उन्होंने सांसद विधायक को गरियाते हुए अपशब्द भी लिखे थे।'

9 अक्टूबर को लिखी पोस्ट में कहा ' अब शायद आप लोगों को मेरी लाश भी ना मिले।' 9 अक्टूबर को 12:30 की लिखी पोस्ट में लिखा कि 'जहर और शराब दोनों मैंने खरीद ली है। इस विधायक से कह दो तुम्हारे गुंडे, पुलिस मुझे नहीं तलाश कर सकते।'

11 अक्टूबर को 9:54 पर लिखी गई पोस्ट में कहा गया है कि ' मैं भागता-भागता थक चुका हूँ। अगर किसी भी प्रकार से मेरी मौत होती है तो समझ लेना विधायक और छविराम सिपाही ने मारा है।' जिसके बाद आज की मिली सूचना के मुताबिक पत्रकार व अधिवक्ता दिलीप शुक्ला ने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी है।


'जनज्वार' की पड़ताल में क्षेत्रीय विधायक और सांसद के जो नाम सामने आए है उनमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और भाजपा सांसद रेखा वर्मा, मोहम्मदी के बीजेपी विधायक लोकेंद्र सिंह सहित एक सिपाही का नाम सामने आया है। पिछले कुछ दिनों से अपने फेसबुक एकाउंट पर शेयर किए जा रहे पोस्टों में दिलीप शुक्ला ने अपना दर्द और भी बहुत कुछ लिखा है।

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