विवादों का पुल बना कानपुर सीओडी, खींचतान के बाद 10 महीने में आज दूसरी बार शुभारंभ

कानपुर कैंट में बन रहा सीओडी पुल पिछले 13 साल से निर्माणाधीन हालत में है, कछुआ चाल से धीमी स्पीड से बनने वाले इस पुल का आज केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी वर्चुअली शुभारंभ करेंगे.....

Update: 2020-11-26 10:22 GMT

जनज्वार। उत्तर प्रदेश के कानपुर का फेमस सीओडी पुल जिसका आज फिर से शुभारंभ होने जा रहा है। फिर से इसलिए कि अभी 10 महीने पहले ही इस पुल का पुनः शुभारंभ होने जा रहा है। अब नितिन गडकरी करेंगे पहले यूपी के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना इसका शुभारंभ कर चुके हैं। बावजूद शुभारंभ-शुभारंभ के इस खेल के पुल अभी तक चालू नहीं हो सका है।

गौरतलब है कि कानपुर कैंट में बन रहा सीओडी पुल पिछले 13 साल से निर्माणाधीन हालत में है। कछुआ चाल से धीमी स्पीड से बनने वाले इस पुल का आज केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी वर्चुअली शुभारंभ करेंगे। ठीक इसके बीते 10 महीने पहले कैबिनेट मिनिस्टर सतीश महाना इसका शुभारंभ कर चुके हैं जिसे आज नितिन गडकरी शायद मूर्त रूप दे दें।

इस पुल के शुभारंभ को लेकर कानपुर में भाजपा नेताओं के बीच रस्साकसी भी नजर आ चुकी है। जिसके चलते पार्टी के ही कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी ने महाना द्वारा इसका शुभारंभ करने पर आपत्ति जताई थी। पचौरी ने इसे केंद्र सरकार की योजना बताकर आपत्ति की थी। साथ ही उन्होंने परिवहन मंत्रालय को पत्र भी लिखा था। पत्र के बाद विभागों ने इसे फिर से बंद कर दिया। अब दोबारा इस पुल का शुभारंभ सत्यदेव पचौरी की मौजूदगी में होगा।

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दरअसल चकेरी से रामादेवी की बड़ी आबादी को शहर से जोड़ने के लिए इस पुल का शिलान्यास 2007-08 में कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन सांसद श्रीप्रकाश जायसवाल ने किया था। 2007 से लेकर आज 13 सालों तक इस पुल ने कई रिकॉर्ड कायम किये हैं। पूर्व सांसद मुरली मनोहर जोशी भी यहां निरीक्षण करने आये थे। धीमी रफ्तार से काम किये जाने को लेकर निर्माण कर रही एजेंसी पर जुर्माना भी लगाया जा चुका है। लेकिन निर्माण तेज नहीं हुआ।

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