हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की मुखबिरी का संदिग्ध चौबेपुर का थानाध्यक्ष विनय तिवारी सस्पैंड, ऐसे खुला राज
कानपुर इनकाउंटर मामले में आज पुलिस प्रशासन ने दोहरी कार्रवाई की है। एक तो अपराधी विकास तिवारी का घर ध्वस्त किया है और दूसरा उसके मुखबिर पुलिस अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है...
जनज्वार। कानपुर देहात के बिकारू गांव में हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे व उसके साथियों द्वारा आठ पुलिसकर्मियों की हत्या किए जाने के मामले में चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को सस्पैंड कर दिया गया है। दो-तीन जुलाई की मध्यरात्रि घटी इस घटना में पुलिस की गतिविधियों की सूचना विकास दुबे को देने का आरोप विनय तिवारी पर लगा है।
घटना के बाद इस मामले की जांच के लिए गठित एसटीएफ की एक टीम विनय तिवारी से लगातार पूछताछ कर रही थी। अब उसके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। विनय तिवारी ने कुछ दिन पहले विकास दुबे के खिलाफ उसके गांव के ही एक युवक की शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद वह वरीय अधिकारियों के पास गया था।
विनय तिवारी पर पुलिस एफआइआर भी दर्ज कर सकती है। तिवारी की भूमिका इस पूरे मामले में संदिग्ध है।
हालांकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विनय तिवारी ने इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में वरीय अधिकारी ही जानकारी देंगे। उनके अलावा शक के घेरे में एक सिपाही व होमगार्ड भी है और उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
विकास दुबे के काॅल डिटेल रिकार्ड भी खंगाले जा रहे हैं। उसकी कुछ पुलिस वालों से फोन पर बात होने की बात कही जा रही है।
उधर, विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है और छापेमारी चल रही है। पुलिस उसे गिरफ्तार कर उससे पूरा सच उगलवाना चाहती है।
पुलिस ने मोबाइल डिटेल के आधार पर 12 और लोगों को हिरासत में लिया है। उनसे विकास दुबे की बातचीत हुई थी।
चौबेपुर के इंसपेक्टर दो दिन पहले विकास दुबे के खिलाफ शिकायत करने वाले व्यक्ति के साथ उसके घर पर गए तो पुलिस के सामने उसके साथ मारपीट की गई और पुलिस से भी हाथापाई की गई थी। इस मामले की जानकारी आला अधिकारियों को नहीं दी गई थी।