तीन दिन में उजड़ा मांग का सिंदूर, अब काट रही जेल, क्या है बिकरू कांड में खुशी का गुनाह

एक लड़की की जिंदगी में एक पखवाड़े भर में सुहागन बनने, विधवा बनने, मात्र तीन दिन जिस गैंगस्टर अमर दुबे के साथ रही उसकी राजदार मान कर जेल भेजे जाने जैसी घटनाएं घटित हो गईं...

Update: 2020-07-12 17:21 GMT

जनज्वार, कानपुर। विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे के मारे जाने के बाद उसकी पत्नी खुशी जेल भेज दी गई है। घर मे माता-पिता हैं। खुशी के पिता दिहाड़ी पेंटर हैं। 400 रुपये प्रतिदिन कमाते हैं। खुशी की शादी को मात्र तीन दिन हुए थे जब यूपी पुलिस ने इस तीन दिन की सुहागिन के बाद विधवा हो चुकी ख़ुशी को बिकरू कांड के आरोपी और इनकाउंटर मेे मारे गए अमर दुबे के कारण जेल मेे डाल दिया है।

29 जून को शादी, 30 जून को विदाई, 2 जुलाई की रात की कानपुर घटना और 3 जुलाई की सुबह पुलिस उठा ले गई 4 जुलाई को खुशी का सुहाग उजड़ा और 5 जुलाई को खुशी को जेल भी हो गई। पनकी के रतनपुर निवासी खुशी के पिता ने बताया वह पुताई का काम कर किसी तरह परिवार और अपने 5 बच्चों का पेट पालते हैं।

खुशी दुबे के माता-पिता का कहना है कि हम इतनी हिम्मत नहीं रखते कि अपनी बेटी को देखने तक जेल तक चले जाएं। हमें डर है कि बेगुनाह बेटी को जब पुलिस वालों ने आरोपी बनाकर जेल भेज दिया तो कहीं हमें भी जेल ना भेज दें क्योंकि बेटी को जन्म तो हमने ही दिया था।

अमर को मोस्टवांटेड विकास दुबे का दहिना हाथ कहा जाता था। वह विकास के साथ चौबीस घंटे साए की तरह साथ रहता था। अमर पर चौबेपुर समेत कई थानों में मुकदमे दर्ज हैं, उसकी उम्र 23 से 24 साल बताई जा रही है। नौ दिन पहले ही विकास ने लड़की वालों पर दबाव बनाकर घर पर ही उसकी शादी कराई थी। जिसमें विकास भी खूब नाचा था।




चौबेपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में 5 लाख के इनामी मोस्ट वांटेड विकास दुबे के पारिवारिक भतीजे अमर दुबे काे बुधवार की सुबह एसटीएफ ने हमीरपुर के मौदहा रोड के पास मुठभेड़ में मार गिराया था। अमर विकास दुबे का दाहिना हाथ था और उसकी गाड़ी चलाने के साथ सुरक्षा में 24 घंटे साए की तरह रहता था। पुलिस द्वारा वारदात में विकास के साथ शामिल रहे शॉर्प शूटरों में उसका भी नाम था और उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। मंगलवार को पुलिस द्वारा जारी पोस्टर में अमर दुबे की भी तस्वीर थी और उसे विकास के पांच गुर्गों में सबसे खास बताया गया है। अमर दुबे के पिता संजू दुबे की सात वर्ष पहले सड़क हादसे में मौत हो चुकी है।

विकास के दबाव में हुई थी शादी

बताया गया है कि अमर दुबे की शादी तय हो गई लेकिन उसके आपराधिक इतिहास का पता चलने के बाद लड़की वालों ने इनकार कर दिया था। इस पर विकास दुबे बीच में आने के बाद ये शादी हो पाई थी। विकास ने लड़की वालों पर शादी का दबाव डाला था। इसके बाद विकास ने लड़की वालों को बिकरू गांव में घर पर ही बुलाकर 29 जून को अमर की शादी कराई थी। शादी के बाद दूसरे दिन लड़की वाले चले गए थे।

आइजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल का कहना है कि खुशी के मामले को संज्ञान में लेकर एसएसपी को जांच का निर्देश दिया गया है। जांच के बाद उसके जेल से छूटने की उम्मीद है। आईजी ने कहा कि खुशी की भूमिका की समीक्षा की रही है। यदि साक्ष्य न मिले तो 169 की कार्रवाई करवाकर उसे जेल से रिहा कर दिया जाएगा।  

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