कानपुर अपहरण कांड : दोस्तों ने ही लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की कर दी हत्या, सीएम योगी ने एसपी को किया सस्पेंड

अपहृत संजीत के लिए अपनी संपन्नता का प्रदर्शन करना महंगा पड़ा। वह दोस्तों से कहता कि पैसों की उसके पास कमी नहीं है, शराब का खर्च देता। इससे लालच में आकर उसके दोस्तों ने उसका ही अपहरण कर लिया...

Update: 2020-07-24 03:04 GMT

पुलिस की गिरफ्त में आए कानपुर अपहरण कांड के आरोपी।

कानपुर से मनीष दुबे की रिपोर्ट

जनज्वार। कानपुर दक्षिण के बर्रा से 22 जून को अपह्रत लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की पैसों के लालच में उसके ही दोस्तों ने हत्या कर दी। गिरफ्तार किए गए चारों अपहर्ताओं ने पुलिस को बताया कि संजीत जब ढाबे पर बेहोश हो गया तब वह सभी उसे कुलदीप की कार से रतनलाल नगर स्थित एक किराए के कमरे पर ले गए थे। यहां उसे बेहोश रखने के लिए 4 दिन तक नशे के इंजेक्शन दिए।

शुक्रवार 26 जून को जब संजीत को होश आया तो उसने भागने का प्रयास किया। जिसके बाद कुलदीप ने उसे पकड़कर नीचे गिरा दिया और फिर पहचान खुलने के डर से चारों ने मिलकर संजीत का गला दबा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। संजीत की लाश को ठिकाने लगाने के लिए चारों ने रात होने का इंतजार किया। 26 जून की देर रात संजीत की लाश को कार की डिग्गी में डालकर पांडु नदी में लाश फेंक दी गई। सचेंडी से फर्जी आईडी पर सिम खरीदकर पिता चमन यादव से फिरौती मांगी जाती रही।

पकड़े गए चारों आरोपियों में से एक कुलदीप ने पुलिस को बताया कि जब संजीत उनसे मिलता था तो शराब इत्यादि का खर्च संजीत ही उठाता था। शराब के नशे में संजीत दोस्तों से खुद के अकेले होने और प्रॉपर्टी संपत्ति व पैसों की कमी न होने के बारे में बताता था। उसकी इसी बातों ने चारों दोस्तों के मन मे लालच भर दिया जिसके बाद सभी ने मिलकर संजीत का अपहरण और फिरौती में मोटी रकम मांगने का प्लान रचा था।

इस तरह हुआ था अपहरण

22 जून सोमवार को संजीत बर्रा बाईपास स्थित मुस्कान ढाबे पर अपने इन्ही चार दोस्तों से मिला था। यहां पांचों ने मिलकर शराब पी। इसी दौरान कुलदीप ने संजीत की नजरें बचाकर नशे की गोली उसके ग्लास में डाल दी। जिसके बाद संजीत थोड़ी ही देर में बेहोश हो गया। बेहोश हो चुके संजीत को चारों दोस्त सहारा देकर रतनलाल नगर स्थित एक किराए के मकान में ले गए थे।

अपहरण और हत्याकांड के आरोपी इशू यादव ने रतनलाल नगर में 15, 000 रुपये महीने के किराए पर कमरा लिया था। इस मकान में कुलदीप किसी महिला के साथ रहता था। मकान के मालिक से उसने महिला को अपनी पत्नी बताया था। पुलिस को शक है कि महिला के बहाने ही कुलदीप संजीत को उस मकान में लेकर गया था। जिसके बाद उसे वहीं बंधक बना लिया। कुलदीप मेडिकल जांचों के लिए सैंपल का काम करता था, जिसके चलते उसे बेहोशी के इंजेक्शन का पता था। इसी जानकारी का फायदा उठाकर उसने संजीत को चार दिन तक बंधक बनाकर नशे का इंजेक्शन देता रहा।


संजीत यादव की तसवीर दिखाती मां व साथ में बहन।

चमन यादव ने अपने 28 वर्षीय इकलौते पुत्र संजीत के अपहरण की जानकारी बर्रा के सस्पेंड हो चुके पूर्व थानेदार रणजीत रॉय को दी थी पर सभी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। 29 जून की शाम से ही पिता के पास फिरौती का फ़ोन आने लगा था। 13 जुलाई की रात पुलिस ने परिजनों को फिरौती की 30 लाख रकम लेकर भेजा। अपह्रता गुजैनी पुल से फिरौती की रकम लेकर फरार हो गए और पुलिस देखती रह गई। इन घटना के बाद एसएसपी दिनेश कुमार पी ने रणजीत रॉय को निलंबित कर दिया था। जिसके बाद एसओजी टीम सहित सर्विलांस को खुलासे के लिए लगाया गया था। लेकिन पुलिस को कहीं से भी सफलता नहीं मिली।

मामले में जब 'जनज्वार' पीड़ित परिवार के पास पहुंचा था तो माँ, बाप, बहन सब सिसक सिसक कर पुलिस पर आरोप दर आरोप लगा रहे थे। बहन अपने भाई को आने वाले रक्षाबंधन में राखी न बांध पाने को लेकर विचलित थी। इन सभी को किसी न किसी अनिष्ठ की आसंका बनी हुई थी पर आशंका ऐसी होगी इस बात का अंदाजा शायद ही किसी को रहा हो।

सीएम योगी ने एसपी को किया सस्पेंड

कानपुर के बहुचर्चित अपहरण व फिरौती कांड में एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता, चौकी इंचार्ज समेत चार अन्य पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। आपको बता दें इसी मामले में थानाध्यक्ष बर्रा रणजीत रॉय को एसएसपी कानपुर ने पहले ही निलंबित कर दिया था। जिसके बाद अब ये कार्रवाई मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने की है।

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