Kanpur Violence : मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी ने उगले कई राज, अब बिल्डर हाजी वसी व अन्य पर कस सकता है KDA का शिकंजा
Kanpur Violence : जफर हयात ने एसआईटी और एटीएस को बताया है कि उसका खजांची कोई और नहीं बल्कि बिल्डर हाजी वसी ही है। इसके बाद पुलिस और जांच एजेंसियों का शिकंजा कसने बिल्डर वसी कसने लगा है।
Kanpur Violence : उत्तर प्रदेश के कानपुर में 3 जून को भड़की हिंसा के बाद से आरोपियों की प्रॉपर्टी सील करने का काम जारी है। क्राउड फंडिंग गैंग के कर्ताधर्ता जफर हयात हाशमी ( Jafar hayat hashmi ) और बिल्डर हाजी वसी ( Builder Haji Wasi ) गैंग के सहयोगियों की बिल्डिंग सील होने की खबर भी है। कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) की टीम ने शहर के अनवरगंज स्थित फूल वाली गली में राशिद सिद्दीकी और सूफियान बेग की अवैध बिल्डिंग को सील किया है। अब पुलिस और केडीए अपने-अपने स्तर पर कार्रवाई में जुटी है।
इस बीच कानपुर हिंसा ( kanpur violence ) के मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी ने एसआईटी और एटीएस के सामने 52 घंटे तक चली पूछताछ के दौरान के कई राज उगले हैं। जफर हयात ने जांच टीम को बताया है कि उसका खजांची कोई और नहीं बल्कि बिल्डर हाजी वसी ही है। इसके बाद पुलिस और जांच एजेंसियों का शिकंजा कसने बिल्डर वसी कसने लगा है।
जफर के बाद बिल्डर वसी सबसे बड़ा नाम
अब चर्चा इस बात की है कि कभी भी कमिश्नरेट पुलिस हाजी वसी को गिरफ्तार कर सकती है। इसके लिए शीर्ष अधिकारियों की ओर से जरूरी कारवाही लगभग पूरी कर ली गई हैं। दरअसल, कानपुर में हुए उपद्रव के बाद जफर हयात के अलावा सबसे ज्यादा विवादों में रहने वाला नाम हाजी वसी का ही सामने आया है। हाजी वसी का नाम सीएए के विरोध प्रदर्शन में भी सामने आया था। उसके बाद से उसकी हयात के साथ एक तरह से पार्टनरशिप शुरू हो गई थी। कानपुर हिंसा में भी माना जा रहा है कि हाजी वसी ने हयात के साथ मिलकर नई सड़क पर हिंसा को अंजाम दिया और भीड़ को चंद्रेश्वर हाते के सामने पथराव के लिए भडक़ाया।
सपा-बसपा के काल में वसी की बोलती थी तूती
लगभग 30 साल पहले तक बिल्डर हाजी वसी कपड़े की दलाली के करता रहा है। इसी के साथ इसने सिलाई में इस्तेमाल होने वाले धागे का काम भी शुरू किया था। लगभग तीन दशक पहले उसने मुस्लिम आबादी में बिल्डर्स का काम शुरू किया। विवादित और जरूरतमंदो की जमीन के सौदे में मोटी रकम कमाने के बाद वह पूरी तरह से बिल्डर्स बन गया। इस दौरान उसने छोटी बड़ी लगभग 50 से ज्यादा बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया। इन बिल्डिंग्स में कई विवादित और बिना नक्शे की बनवाई गई हैं। सपा और बसपा सरकारों के दौरान लखनऊ तक गहरी पैठ के दम पर बड़ा एम्पायर खड़ा किया था।
बता दें कि कानपुर हिंसा के बाद 4 आरोपियों को विशेष जांच दल ( एसआईटी ) ने रिमांड पर लिया था। सोमवार सुबह एसआईटी और एटीएस की टीम ने हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी के साथ जावेद मोहम्मद खान, मोहम्मद राहिल, मोहम्मद सूफियान को 52 घंटे की कस्टडी रिमांड पर लिया और बर्रा थाने में पूछताछ की थी। दो दिन में एसआइटी, एटीएस, एसटीएफ ने बैंक खाते, पीएफआइ से संबंध, उपद्रव और बंदी कराने के पीछे के उद्देश्य, बवाल में शामिल आपराधिक तत्व समेत कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पूछताछ करके जानकारियां जुटाई है। पूछताछ के दौरान हयात के पार्टनर और खजांची के तौर पर विवादित बिल्डर हाजी वशी का नाम भी सामने आया है। अब पुलिस और केडीए कभी भी बिल्डर हाजी वशी पर शिकंजा कस सकती है।