कानपुर बिकरु कांड: खजांची जय बाजपेई की गिरफ्तारी से नेता, मंत्री, कलाकार सब रडार पर
खजांची जय बाजपेई ने मीडिया से बातचीत में कई बड़े खुलासे किए, उसने बताया कि उसे फंसाया जा रहा है। जय ने कहा विकास के असली साथी शहर के अलग-अलग पार्टियों के नेता, विधायक यहां तक कि कैबिनेट मंत्री रहे हैं....
मनीष दुबे की रिपोर्ट
कानपुर। पुलिस एनकाउंटर में मारे गए 5 लाख के इनामी विकास दुबे के कैशियर जय बाजपेई के जेल जाने के बाद उसके तमाम करीबी जांच के दायरे में हैं। जिनमे भाजयुमो प्रदेश मंत्री प्रमोद विश्वकर्मा समेत दो भाजपा नेता, एक कारोबारी व एक कलाकार शामिल है।
जेल भेजे गए खजांची ने खुद कबूला की शहर के अलग-अलग पार्टियों के नेता और कैबिनेट मंत्री विकास दुबे के मददगार थे। बता दें कि जय बाजपेई के इस कबूलनामे के बाद एक बार फिर विकास दुबे और सफेदपोश रिश्तों पर मुहर लग गई है।
खजांची जय बाजपेई की लावारिस मिली तीनों कारें उसके परिचितों के नाम पर थीं। जिसमे दो कारें भाजपा नेता व एक कारोबारी के नाम पर है। गाड़ियों में ऑडी भाजपा नेता प्रमोद विश्वकर्मा के नाम, फॉर्च्यूनर राहुल सिंह व वरना कपिल सिंह के नाम पर है। जिसके बाद पुलिस ने सभी से पूछताछ की थी।
इसके अलावा जय की गाड़ियों और असलहे का इस्तेमाल शहर का एक कलाकार वीडियो बनाने में करता रहा है। एसटीएफ और पुलिस ने इन सभी को जांच में शामिल किया है। पुलिस इन सभी के कनेक्शन विकास दुबे से तलाश रही है तथा सबूतों के आधार पर कार्रवाई हो सकती है।
खजांची जय बाजपेई को पुलिस ने भले ही सोमवार को जेल भेज दिया है लेकिन इससे पहले उसे क्लीन चिट देकर छोड़ने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी गई। अपने साथी प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू के साथ जेल भेजे गए जय बाजपेई ने माती कोर्ट में पेशी के बाद खुद पुलिस के झूठ से पर्दा उठाया।
उसने बताया कि नजीराबाद पुलिस ने उसे 3 दिन पहले ही छोड़ दिया था। जिसके बाद रविवार शाम उसे थाने बुलाया और देर रात अचानक अरेस्ट कर लिया। जय ने यह भी बताया कि पुलिस ने 5 बार उसे बुलाया। गुरुवार को क्लीन चिट देकर छोड़ दिया, रविवार शाम दोबारा थाने बुलाकर अरेस्ट किया।
विकास को उधार दिए थे रुपये
जय बाजपेई ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने विकास दुबे को उधार रुपये दिए थे। यह रकम लगभग 12 लाख रुपये के करीब थी। जय ने अपना गांव बिकरु के पास दिलीप नगर बताया जिसके कारण उसका संपर्क विकास से था। उसने खुद को बेकसूर बताया।
उसका कहना है कि वो आपराधिक घटनाओं में शामिल नहीं था मोबाइल लोकेशन, सीडीआर इसके साक्ष्य हैं। वहीं पुलिस का आरोप है कि जय विकास की अवैध कमाई को व्यापार में लगाता था। इसके अलावा उसने 2 जुलाई को मुठभेड़ से पहले विकास को असलहे व कारतूस उपलब्ध कराए थे।
नेताओं मंत्रियों ने की थी मदद
खजांची जय बाजपेई ने मीडिया से बातचीत में कई बड़े खुलासे किए। उसने बताया कि उसे फंसाया जा रहा है। जय ने कहा विकास के असली साथी शहर के अलग-अलग पार्टियों के नेता, विधायक यहां तक कि कैबिनेट मंत्री रहे हैं।
खजांची ने कहा उसे पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी लेकिन किसी न किसी मंत्री नेता के दबाव में उसे जेल भेजा जा रहा है। जय ने अपनी विदेश यात्राओं का भी जिक्र किया कहा वह परिवार के साथ कई बार दुबई और बैंकॉक गया है।
बिना नम्बर की कार से गया था बिकरु
जय बाजपेई को पहले से पता था कि बिकरु वारदात में पुलिस उससे पूछताछ करेगी, जिसके चलते उसने पूरी तैयारी की थी। वो अपना मोबाइल घर पर छोड़कर बिकरु गया था। जिस कार से गया था उसमें नम्बर प्लेट भी नहीं लगी थी। यही वजह रही कि पुलिस जांच में उसकी लोकेशन घर पर मिली थी।
हालांकि उसके साथी प्रशांत की लोकेशन बिकरु में मिली। दो जुलाई की शाम उसने असलहा कारतूस व रकम विकास को पहुंचाई थी। पहले जय मना करता रहा पर पुलिस की सख्ती के बाद उसने कबूला की वह प्रशांत के साथ बिकरु गया था और मोबाइल घर पर ही छोड़ दिया था।
नहीं दे सका 56 कारतूसों का हिसाब
बिकरु कांड में जेल भेजा गया खजांची जय 56 कारतूसों का हिसाब नहीं दे सका है। बजरिया इंस्पेक्टर राममूर्ती यादव का कहना है कि 2008 में जय ने रिवॉल्वर का लायसेंस लिया था।
2013-14 में जब उसपर मुकदमा हुआ तो उसका लायसेंस निरस्त कर दिया गया था। इसके कुछ ही समय बाद कमिश्नर के आदेश पर लायसेंस बहाल हो गया था।
इंस्पेक्टर ने बताया कि जब 12 साल का रिकॉर्ड खंगाला गया तो पता चला कि 56 कारतूसों का हिसाब नहीं है। जय भी नहीं बता सका। पुलिस के मुताबिक जय बाजपेई अक्सर विकास दुबे को असलहे उपलब्ध करवाता था।