पश्चिमी यूपी के कई कुख्यात बदमाशों के रिश्तेदार भी लाइसेंसधारी, सुनील राठी की मां समेत कईयों के लाइसेंस निरस्त

पुलिस का दावा है कि निलंबित 18 लाइसेंसों में सात कुख्यात बदन सिंह बद्दों के साथियों और चार कुख्यात उधम सिंह व योगेश भदौड़ा के रिश्तेदार हैं.....

Update: 2020-09-08 09:22 GMT

मेरठ। उत्तर प्रदेश में बड़े आपराधिक मामलों में लिप्त कुख्यातों के रिश्तेदारों के भी शस्त्र लाइसेंस बना दिए गए हैं। कानपुर में विकास दुबे प्रकरण के बाद जांच शुरू हुई तो अकेले मेरठ में करीब 218 ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के नाम सामने आए, जिनके रिश्तेदारों के नाम पर शस्त्र लाइसेंस है। इन्हें निरस्त करने के लिए डीएम को रिपोर्ट भेजी गई है।

मेरठ, बागपत, सहारनपुर, बिजनौर, शामली और मुजफ्फरनगर में 124 लोगों के लाइसेंसों में 10 के निरस्त किए गए हैं। इनमें लाइसेंसी असलहा का दुरुपयोग करने वाले भी शामिल हैं। मेरठ पुलिस द्वारा चिन्ह्ति किए गए लोगों में 161 आपराधिक प्रवृत्ति और 57 अपराधियों के रिश्तेदार हैं।

पुलिस का दावा है कि निलंबित 18 लाइसेंसों में सात कुख्यात बदन सिंह बद्दों के साथियों और चार कुख्यात उधम सिंह व योगेश भदौड़ा के रिश्तेदार हैं। पुलिस के मुताबिक बागपत में अब तक 12 शस्त्र लाइसेंस निलंबित और सात निरस्त किए गए हैं। जिसमें से कुख्यात सुनील राठी की मां राजबाला का लाइसेंस भी निलंबित किया जा चुका है। सहारनपुर में दस और मुजफ्फरनगर में 29 निलंबित, तथा एक लायसेंस निरस्त किया गया है। दो मामलों में कार्रवाई चल रही हैं।

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बिजनौर में 12 और लोगों को चिन्ह्ति किया गया है, जिनके परिवार के पास शस्त्र लाइसेंस है। इन सभी के लाइसेंस निलंबित हैं, जिले में 48 लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई चल रही है। बिजनौर के पूर्व चेयरमैन जावेद आफताब, नगीना के सपा विधायक मनोज पारस के परिवार के दो सदस्यों और पूर्व बसपा विधायक मोहम्मद गाजी के परिवार के छह सदस्यों के लाइसेंस निलंबित किए जा चुके हैं।

एडीजी जोन मेरठ राजीव सभरवाल का कहना है कि अपराधियों और उनके करीबियों के शस्त्र लाइसेंसों की जांच कराई गई, सभी जनपदों में कई अपराधियों पर शस्त्र लाइसेंस हैं। इनके लाइसेंस निरस्त कराने की रिपोर्ट पुलिस की ओर से डीएम को भेजी जा रही है। कई शस्त्र लाइसेंस निरस्त भी हो गए हैं।

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