LDA लखनऊ में चिराग तले अंधेरा, बाबू की पत्‍नी के नाम दर्ज बीस प्‍लॉट, इस तरह किया खेल

Lucknow News: शिकायत करने वाले व्यक्ति से कुछ और दस्तावेज मांगे गए हैं। सभी दस्तावेज आने पर रजिस्ट्रार कार्यालय से पुष्टि कराई जाएगी। इसके बाद बाबू पर केस दर्ज कराएंगे...

Update: 2022-01-24 10:17 GMT

(लखनऊ विकास प्राधिकरण में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा)

Lucknow News: एक कहावत है, 'चिराग तले अंधेरा।' इस कहावत को लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के एक बाबू ने असल में चरितार्थ कर दिखाया है। दरअसल एलडीए के एक बाबू की पत्नी के नाम 20 प्लॉट होने की शिकायत मिली है। प्राधिकरण के मुख्य अभियंता इंदू शेखर सिंह के पास संबंधित बाबू की पत्नी को आवंटित भूखंडों की सूची पहुंची है। जिसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी उपाध्यक्ष को दी है।

एलडीए के संपत्ति विभाग में तैनात एक बाबू की पत्नी के 20 प्लॉट (20 Plots) होने की जानकारी के बाद एलडीए के अधिकारी सकते में आ गए हैं। बाबू के प्लॉट की सूची, कुछ कागज प्राधिकरण मुख्य अभियंता के पास किसी ने पहुंचाए हैं। रजिस्ट्री के दस्तावेज में बाबू की पत्नी के नाम के एक अक्षर में हेरफेर किया गया है। लेकिन रजिस्ट्री में जो फोटो लगी है वह एक ही महिला की है।

इसके अलावा पति के नाम में भी बाबू का ही नाम है। मगर जब तक पुष्टि नहीं हो जाती है एलडीए कार्यवाही नहीं करेगा। फिलहाल मुख्य अभियंता ने जानकारी प्राधिकरण उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी (Akshay Tripathi) को भी दी है। शिकायत करने वाले व्यक्ति से कुछ और दस्तावेज मांगे गए हैं। सभी दस्तावेज आने पर रजिस्ट्रार कार्यालय से पुष्टि कराई जाएगी। इसके बाद बाबू पर केस दर्ज कराएंगे।

फोटो महिला की लेकिन नाम में किया लोचा

मुख्य अभियंता इंदू शेखर सिंह ने बताया जो शिकायत आई है उसमें सभी 20 संपत्तियां एक बाबू की पत्नी की बताई जा रही हैं। कुछ दस्तावेज देखे हैं। इसमें एक ही महिला की फोटो सभी रजिस्ट्री पेपर पर है। नाम में एक से दो स्पेलिंग का अंतर है। जब तक जांच में पुष्टि नहीं होती, कुछ नहीं कहा जा सकता है। संबंधित रजिस्ट्री दस्तावेज सही हैं या नहीं। संबंधित भूखंड की मौके पर क्या स्थिति है। इसकी जांच होगी। उपाध्यक्ष ने संपत्ति विभाग से इसकी जांच भी शुरू करा दी है।

यह खेल तब सामने आया जब खुद सूबे के मुख्यमंत्री का ऑफिस लखनऊ में है। इसके अलावा तमाम मंत्री, संत्री, अफसर अधिकारी रात दिन निगरानी रखे जाने का दावा करते नजर आते हैं। बिल्डर भूमाफिया जमीन में समा गए हैं। लेकिन सच तो यह है जो सामने आया है। सत्ता की आड़ में बैठे धुरंधर खुद ही बड़े भूमाफिया बनकर सामने आ रहे हैं। 

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