Lucknow News: यूपी को पांच माह बाद भी नहीं मिला स्थायी DGP

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) मुकुल गोयल को विभागीय कार्यों में रुचि न लेने के आरोप में पद से हटा दिया गया था। यह कार्रवाई बीती 12 मई को की गई थी।

Update: 2022-09-30 11:06 GMT

Lucknow News: यूपी को पांच माह बाद भी नहीं मिला स्थायी DGP, मुकुल गोयल को हटाये जाने के बाद इस अफसर को मिला था अतिरिक्त प्रभार

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) मुकुल गोयल को विभागीय कार्यों में रुचि न लेने के आरोप में पद से हटा दिया गया था। यह कार्रवाई बीती 12 मई को की गई थी। योगी शासन ने मुकुल गोयल को डीजीपी के पद से हटाए जाने के लगभग 20 घंटे बाद डीजी इंटेलीजेंस डा. देवेंद्र सिंह चौहान को डीजीपी के पद का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया था। लेकिन 5 महीने बीत जाने के बाद भी यूपी को अपना स्थायी डीजीपी नहीं मिल सका है।

यूपी सरकार ने शासकीय कार्यों की अवहेलना और अकर्मण्यता जैसे गंभीर आरोपों के साथ मुकुल गोयल को पुलिस महानिदेशक के पद से हटा दिया था। यह भी आरोप लगाया गया है कि मुकुल गोयल विभागीय कार्यों में रुचि नहीं ले रहे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस विभाग के मुखिया पर इस तरह कार्रवाई का चाबुक चलाकर संकेत दे दिया है कि वह डीजीपी से किस हद तक नाराज चल रहे थे।

एक जुलाई, 2021 को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक बनाए गए 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी मुकुल गोयल को पुलिस महकमे में नागरिक सुरक्षा के महानिदेशक पद पर भेज दिया गया। इससे पहले वह केंद्र में बीएसएफ अपर पुलिस महानिदेशक ऑपरेशंस के पद पर तैनात थे। जिसके बाद उन्हें यूपी डीजीपी के पद पर नियुक्त किया गया था। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि डीजीपी के पद पर स्थायी नियुक्ति होने तक डीजी देवेंद्र सिंह चौहान डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे।

1988 बैच के आइपीएस अधिकारी देवेंद्र सिंह चौहान के पास डीजी विजिलेंस का भी अतिरिक्त प्रभार है। चौहान की पत्नी एस. राधा चौहान वरिष्ठ आइएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्त पर डीओपीटी में सचिव के पद तैनात हैं। इंटेलीजेंस व विजिलेंस जैसी पुलिस की दो प्रमुख शाखाओं की अगुवाई कर रहे चौहान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद अधिकारियों में गिना जाता है।

लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार नवेद शिकोह कहते हैं, 'वैसे तो विधानसभा चुनाव के बाद से ही पुलिस महकमे में बड़े बदलाव के संकेत मिलने लगे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले मुकुल गोयल को डीजीपी के पद से हटाकर नागरिक सुरक्षा का डीजी बनाकर कड़ा संदेश दिया था। अब माना जा रहा है कि नए डीजीपी के नेतृत्व में नई टीम के गठन के लिए जल्द ही कई जिलों की कमान समेत जोन व रेंज स्तर पर बड़े बदलाव होंगे, ऐसा कयास लगाया जा सकता है। लेकिन डीजीपी किसे बनाया जाएगा अभी तक तय नहीं हो पाया है। चर्चा है कि कई वरिष्ठों के नामों पर मंथन किया जा रहा है।'

Who Is Devendra Singh Chauhan : कौन हैं देवेंद्र सिंह चौहान

दो बार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे चौहान : मूल रूप से मैनपुरी के निवासी डा. देवेंद्र सिंह चौहान का जन्म 20 मार्च, 1963 को महाराष्ट्र के सतारा में हुआ था। उनके पिता शिवराम सिंह चौहान सतारा सैनिक स्कूल में शिक्षक थे। डा. चौहान ने एमबीबीएस की पढ़ाई की है। 1988 बैच के आइपीएस हैं और वर्ष 2006 से वर्ष 2011 तथा वर्ष 2016 से वर्ष 2020 के बीच दो बार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात रहे हैं।

कई महत्वपूर्ण पदों पर रही तैनाती

बीते दिनों वह वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआरपीएफ में आइजी के पद पर तैनात थे। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के विरुद्ध कई आपरेशन के अगुवा रहे चौहान को राज्य सरकार ने केंद्र से वापसी के बाद फरवरी, 2020 में डीजी इंटेलिजेंस के पद पर तैनाती दी थी। डा. चौहान आगरा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, सहारनपुर, रामपुर समेत कई बड़े जिलों के एसपी समेत अन्य महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रह चुके हैं।

क्या है चयन की प्रक्रिया?

कहा गया था कि, मुकुल गोयल के डीजीपी के पद से हटने के बाद यूपी सरकार नए डीजीपी के चयन के लिए जल्द ही वरिष्ठता सूची में शामिल उन आइपीएस अधिकारियों के नामों पर विचार करेगी, जिन्होंने अपनी 30 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है और उनका छह माह से अधिक का सेवाकाल शेष हो। वरिष्ठता सूची में शामिल तीन अधिकारियों के नामों का पैनल केंद्र सरकार को भेजा जाता है, जिनमें एक नाम पर केंद्रीय संघ लोक सेवा आयोग अंतिम मुहर लगाता है।

इन तीन नामों पर चल रहा मंथन

वर्तमान में 1987 बैच के ही आइपीएस अधिकारी आरपी सिंह वरिष्ठ सूची में सबसे आगे हैं। उनके बाद इसी बैच के आइपीएस अधिकारी जीएल मीणा दूसरे स्थान पर हैं। इन अधिकारियों के बाद 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी आरके विश्वकर्मा तीसरे, डीएस चौहान चौथे व आनन्द कुमार पांचवें स्थान पर हैं। डीजी सीबीसीआइडी जीएल मीणा का सेवाकाल जनवरी, 2023 में पूरा होगा, जबकि वरिष्ठता सूची में शामिल डीजी बिश्वजीत महापात्रा जुलाई, 2022 में अपना सेवाकाल पूरा करेंगे।

लखनऊ के ही बेबाक पत्रकारों में गिने जाने वाले सुशील दुबे ने इस मामले में कहा कि, 'डबल इंजन की सरकार है, सबकुछ गजब चल रहा है। चीफ सेकेट्री अक्सटेंशन पर चल रहे और डीजीपी महोदय दिहाड़ी पर चल रहे हैं। हजारों काबिल अफसर हैं प्रदेश में, तब ये हाल है। अमित शाह और योगी के कथित मतभेदों के चलते उनकी स्थाई नियुक्ति में रोड़ा अटका है। देखिये कब तक कृपा बरसे।'

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