योगीराज : लखनऊ में पुलिस की गुंडई, फखरूद्दीन अली की दाढ़ी नोच कहा कटुआ, थूक चटा मुँह में पेशाब करने का आरोप

पीड़ित का आरोप की पुलिस ने जमाती कहते हुए अपने जूते में थूँककर चटवाया तथा मुँह पर पेशाब तक कर दी, मानवता की सभी हदें पार करते हुए इन सभी पुलिस वालों ने फखरूद्दीन से फिर धन उगाही की, बोले कि दबिश का खर्चा क्या तेरा बाप उठाएगा..

Update: 2020-09-28 10:41 GMT

मनीष दुबे की रिपोर्ट 

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पुलिस अपराध का नियंत्रण कर रही की खुद ही अपराध कर रही कभी-कभी कहना मुश्किल हे जाता है। योगी आदित्यनाथ की सरकार में यूपी पुलिस का ये दौर आम जन मानस के लिए बेहद खराब चल रहा है। अपराध कम हो नहीं रहा उपर से पुलिस निरीह जनता पर जुल्म ज्यादती की नई इबारतें गढ़ रही है। उसपर भी हाल राजधानी लखनऊ का जहाँ मुक्यमंत्री खुद बैठकर सारे गियर हिलाते हैं। उनकी नांक के नीचे ही पुलिसिया बर्बरता का ये नंगा नाच चल रहा है।

दरअसल 45 वर्षीय फखरूद्दीन अली अहमद पुत्र स्वर्गीय हबीब सलेमपुर के कनक विहार में रहते हैं। उनका फ्रैबिकेटिंग का काम है। उनके कारखाने में एक जुबैर नाम का लड़का काम करता था। कुछ दिन काम करने के बाद जुबैर मुहल्ले की एक कश्यप बिरादरी की लड़की को लेकर कहीं भाग गया। जिसका मुकदमा लखनऊ के पारा थाने में दर्ज हुआ था। इस मामले के बाद फखरूद्दीन को मोहान पुलिस चौकी में 18 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया जाता है।

चौकी में बुलाने के बाद फखरूद्दीन से जुबेर की खोजबीन और दबिश करने के नाम पर गाड़ी, डीजल सहित खाने पीने का रूपया लिया जाता है। इसके बाद उन्हें गंदी गंदी गालियां देकर कहा गया कि जब जब बुलायेंगे तुरंत हाजिर हो जाना, और भगा दिया गया। इसके बाद जब जब भी फखरूद्दीन को चौकी बुलाया गया हर बार तफ्तीश के नाम पर एक रकम ली जाती रही। हद तो उस दिन होगी जब उन्हें 26 अगस्त की शाम चौकी में बुलाया जाता है।

चौकी मोहाना पहुँचने पर वहां चौकी इंचार्ज सहित विनय सिंह, जितेंद्र दूबे, अशोक सिंह, भूपेंद्र तथा मनोज यादव ने उसे बेहद भद्दी भद्दी गालियां देते हुए उसकी दाढ़ी के बाल तक नोंचे। फखरूद्दीन का कहना है कि उन्होने कटुए-मुल्ले कहते हुए उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उसे मारा पीटा गया। इतना ही नहीं फखरू को जमाती कहते हुए इन पुलिस वालों ने अपने जूते में थूँककर चटवाया तथा मुँह पर पेशाब तक कर दी। मानवता की सभी हदें पार करते हुए इन सभी पुलिस वालों ने फखरूद्दीन से फिर धन उगाही की। बोले कि दबिश का खर्चा क्या तेरा बाप उठाएगा।

इस दौरान फखरूद्दीन पुलिसवालों से बार बार कहते रहे कि जनाब उन्हें जुबेर तथा उसके किए गए किसी हराम काम की जानकारी नहीं है। वह अपने लिए रहम की भीख मांगते रहे। लेकिन वर्दी के मद में चूर पुलिस वालों के दिल नहीं पसीजे। मोहान पुलिस फखरू से हर बार कहती है कि लड़की तूने भगाई है और फिर रूपये मांगते हैं। फखरू कहते हैं मैने जितनी बार भी रूपये दिए लेकिन ये हर बार डबल करके मांगते रहे। फखरू के पास पुलिस के मुखबिरों और दलालों के भी फोन आने वलगे हैं जो रूपयों की डिमांड करते है। इस घटना के बाद फखरू इतने डरे हुए हैं कि अपने घर से बाहर ही नहीं निकल पा रहे हैं।




मोहाना पुलिस फखरूद्दीन से दबिश के नाम पर 50 हजार रूपये और मांग रही है। ना देने पर उसे किसी झूठे मुकदमे में फंसा देने अथवा जान से मार देने की धमकी दी जा रही है। थक हारकर फखरूद्दीन ने इस सम्बंध में 24 अगस्त को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जिला जज लखनऊ, चीफ जस्टिस इलाहाबाद, पुलिस आयुक्त लखनऊ, मानवाधिकार आयोग सहित एसीपी लखनऊ तक को लिखित तौर पर पत्र भेजा है लेकिन अभी सुनवाई कहीं नहीं हो पा रही है।

इस सम्बंध मे ऐपवा की पदाधिकारी मीना सिंह ने लखनऊ के कमिश्नर को पत्र लिखकर पूछा कि पुलिस को यह किसने अधिकार दिया कि वह किसी के यहाँ छापा मारने के लिए घन उगाही किसी और से करे। और कोई लड़का यदि कहीं काम करता है तथा उसके किसी अपराध में दुकानदार कैसे अपराधी हो गया। जबकी थाना पारा से ज्ञात हुआ है कि लड़का लड़की ने बालिग होते हुए एक दूसरे की मर्जी से शादी करने का बयान भी दे दिया है।

ऐपवा कि पदाझिकारी मीना सिंह ने जनज्वार से हुई बातचीत में बताया कि इस सम्बंध में मोहाना पुलिस किसी संगठित गुंडों के गिरोह की तरह काम कर रही है। किसी व्यक्ति से अमानवीय व्यवहार किया जाता है। मीना सिंह ने साथ ही लखनऊ पुलिस कमिश्नर से मांग की है कि गुण्डों की तरह पेश आने वाले इन पुलिस कर्मियों पर तत्काल कार्रवाई करें जिससे की आम जनता का न्याय कानून पर भरोसा कायम हो सके और बेगुनाह को न्याय मिल सके।

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