UP में पुलिस हिरासत में युवक की मौत, 24 घंटे से ज्यादा रखा हिरासत में, थानेदार सस्पेंड

कहा जा रहा है मोनू पर मोटरसाइकिल चोरी में शामिल एक गैंग से संबंध रखने का आरोप था, मोहित उर्फ मोनू दलित परिवार से संबंध रखता था, इसके पहले चोरी के मामले में चार अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद मोनू को भी हिरासत में लिया गया था....

Update: 2020-08-31 08:40 GMT

जनज्वार। यूपी के रायबरेली में एक शख्स की कथित रूप से पुलिस हिरासत में मौत हो गई। 19 वर्षीय बताए जा रहे शख्स की रविवार की सुबह मौत हुई थी। परिवार की ओर से विरोध-प्रदर्शन किए जाने और प्रताड़ना का आरोप लगाए जाने के बाद स्थानीय पुलिस थाने के प्रभारी को रविवार देर शाम निलंबित कर दिया गया।

पुलिस का कहना है कि हिरासत में लिए गए शख्स पर एक बाइक चोरी करने का आरोप था। जिसके बाद उसे हिरासत में लिया गया था। इस शख्स में पहले ही न्यूमोनिया, सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण दिख रहे थे, जिन्हें कोरोनावायरस से जोड़कर देखा जा रहा है। 19 वर्षीय मोहित उर्फ मोनू को शुक्रवार 28 अगस्त को रायबरेली के लालगंज इलाके से गिरफ्तार किया गया था।


कहा जा रहा है मोनू पर मोटरसाइकिल चोरी में शामिल एक गैंग से संबंध रखने का आरोपी था। मोहित उर्फ मोनू दलित परिवार से संबंध रखता था। इसके पहले चोरी के मामले में चार अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद मोनू को भी हिरासत में लिया गया था। परिजनों का आरोप है कि इन पांचों व्यक्तियों को अवैध रूप से पुलिस स्टेशन में 24 घंटों से ज्यादा वक्त तक हिरासत में रखा गया। मोनू के परिवार का आरोप है कि उसे पुलिस हिरासत में यातनाएं दी गई थीं।

मृतक के परिजनों ने इसे लेकर स्थानीय लोगों के साथ पुलिस थाने के सामने विरोध-प्रदर्शन किया था। मोनू के भाई सोनू ने बताया कि पुलिस ने उसे और उसके भाई को उठाया था। वो लोग उससे पूछते रहे कि चाभी कहां है। उन्होंने थाने में मोहित की बुरी तरह पिटाई की थी और उसे बाद में छोड़ दिया गया।

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पुलिस ने मोनू को प्रताड़ना देने वाले आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया है कि उसकी मौत जिला अस्पताल में हुई है, हालांकि वो उस वक्त उनकी हिरासत में ही था। उनका दावा है कि उसमें कोरोना वायरस होने जैसे लक्षण मिले थे। रायबरेली के एसएसपी स्वप्निल ममगैन का कहना है, 'शनिवार की शाम को मोनू ने पेट दर्द की शिकायत की, तब उसे पास के डॉक्टर के पास ले जाया गया और उसे दवाइयां दी गईं।

रविवार की सुबह वो फिर बीमार पड़ गया जिसके बाद उसे तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसमें न्यूमोनिया के लक्षण थे और ऑक्सीजन लेवल गिर गया था। उसे कोई शारीरिक चोट नहीं थी। सुबह 11 साढ़े 11 बजे के आसपास उसकी मौत हो गई। हम पोस्टमार्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग करा रहे हैं। परिवार ने दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दी है, उनकी जांच कराई जा रही है।

एसएसपी ने कहा पहली जांच में पता चला है कि आरोपियों को अवैध रूप से 24 घंटों से ज्यादा वक्त तक हिरासत में रखा गया था। इसके लिए हमने थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया है क्योंकि उन्हें आरोपियों को दो दिनों से ज्यादा वक्त तक अवैध रूप से हिरासत में नहीं रखना चाहिए था। आगे जांच की जा रही है और भी जो पुलिसकर्मी दोषी पाए जाएंगे कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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