मणिलाल पाटीदार से अब तक ना हो पाई पूछताछ, जाँच में आया ट्विस्ट डर व खौफ में व्यापारी ने किया था सुसाईड

महोबा में क्रशर व्यवसाई इंद्रकांत त्रिपाठी की बीती 13 सितंबर को मौत हो गई थी...

Update: 2020-09-26 11:04 GMT

जनज्वार, महोबा। उत्तर प्रदेश के महोबा में क्रशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी हत्याकांड में अभी तक आरोपी एसपी मणिदार पाटीदार से पूछताछ तक नहीं हो सकी है। बावजूद उसके सीन में अलग ट्वीस्ट आ गया है। ट्वीस्ट ये कि व्यापारी ने खुद को गोली मार ली थी। खुद को गोली मार ली यानी आत्महत्या कर ली।

गौरतलब है कि महोबा में क्रशर व्यवसाई इंद्रकांत त्रिपाठी की बीती 13 सितंबर को मौत हो गई थी। इस हुई मौत में तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार को दोषी ठहराया गया था, जिसके बाद पुलिस ने उनपर आईपीसी की धारा 302/120बी व 34 एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। मामले में एसआईटी अब तक एसपी के बयान तक दर्ज नहीं कर सकी लेकिन ये जरूर पता लगा लिया कि व्यापारी इंद्रकांत ने सुसाईड किया था। वजह रहा एसपी मणिलाल पाटीदार का खौफ, जो व्यापारी द्वारा वायरल किए गए वीडियो के बाद पनपा था।

मजाक बन कर रह गए इस मामले में एसआईटी अभी जिस नतीजे पर पहुँची है वह यह की इंद्रकांत त्रिपाठी ने आत्महत्या की थी। उन नतीजों पर अगर हम ना जाएं जिसके कई मामलों में एसाईटी जांच पर सवाल उठे हैं, फिर चाहे वो बिकरू कांड हो या कोई और तमाम कारणों चर्चा में रहने के बाद हम उम्मीद ही कर सकते हैं जो भी जांच में होगा। जाँच के बाद ही ये साफ हो सकेगा कि इसमें कितनी सच्चाई है। फिलहाल व्यापारी की मौत सुसाईड का था जाँच अभी इस नतीजे पर है, आगे कार्रवाई जारी है।

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इस संगीन मामले में जाँच कुछ भी निकलकर आए। क्योंकि एसआईटी अथवा सीबीआई लग जाए होता वही है जो चाहा जाता है। फिलहाल ईस मामले की परत दर परत कब क्या हुआ था ये हम आपको बताते हैं।

सितंबर 7 तारीख को जब व्यवसाई इंद्रकांत ने खुद का बनाया वीडियो वायरल किया तो मणिलाल पाटीदार तिलमिला उठा। उसने पूरे शहर का पुलिस बल लगा दिया इंद्रकांत को उठा लाने के लिए। जिसमें मुख्य भूमिका क्राईम ब्रांच की रही। क्राईम ब्रांच के ही एक सिपाही आशू ने इंद्रकांत के साले को इंद्रकांत की जानकारी लेने के लिए फोन किया था। जिसकी कॉल रिकार्डींग बाद में वायरल हुई थी। उस वक्त पुलिस का आलम ये था कि पूरी महोबा पुलिस व्यापारी को खोज रही थी जिसके डर से वह दहशत में इधर उधर भाग रहा था।

जिस 13 तारीख को इंद्रकांत की मौत हुई तब उसने अपनी ही लायसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मारी थी। ऐसा पुलिस अपने बयान में बता रही थी, जबकी इंद्रकांत की पिस्टल एसआईटी ने उसके घर से बरामद की थी। मौकाए वारदात पर उसकी कार में नहीं। जिसपर एडीजी प्रयागराज प्रेम प्रकाश का दावा है कि 'घटनास्थल पर पहुँचे इंद्रकांत के एक दोस्त बल्लू के भाई ने पिस्टल उठाकर उसके घर पर दे दी थी।' उनकी यह बात गले नहीं उतरी। पुलिस का कहना है कि 'बल्लू के भाई की भी भूमिका सामने नहीं आई है।' क्योंकि गड़बड़झाला ये कि मामला खुदखुशी ना लगे इसलिए किसी ने पिस्टल घटनास्थल से उठाकर घर पहुंचाई।

उस रात सिपाही आशू ने व्यापारी इंद्रकांत को धमकाया था। वीडियो वायरल करने के बाद उसने खुद को राजा साहब बताकर व्यापारी से गाली-गलौच की थी। यह बात व्यापारी के साले बृजेश शुक्ला ने एसाईटी जाँच के दौरान बताई। बृजेश के मुताबिक आशू से उसने भी बात की थी। आशू कह रहा था 'मै राजा साहब बोल रहा हूँ इंद्रकांत कहाँ है। उससे कहो राजा साहब नाराज हो रहे है, मतलब समझते हो ना। मै आशू भदौरिया बोल रहा हूँ।' यह सभी बातें बृजेश शुक्ला ने रिकार्ड कर लीं थी, जो बाद में वायरल हुई थी। आशू का व्यापारी को धमकाया जाना, राजा साहब कौन है? साले को धमकाने का क्या मतलब रहा ये तमाम सवाल ऐसे हैं जिनके जवाब पाने में एसआईटी कामयाब नहीं हो पाई है।

गोली जो लगी थी इंद्रकांत को वह गाड़ी की सीट में धंसी मिली जिसका अर्थ ये निकल कर आ रहा कि उसे सामने से गोली मारी गई। गोली पिस्टल से चली तय है, माना तब गया जब बैलिस्ट्क रिपोर्ट एसआईटी के हाथ आ गई। आईजी एसआईटी विजय विजय कुमार सिंह मीना का कहना है कि 'एसपी के दबाव से व्यवसाई दबाव में आ गया था, जिससे उसने आत्महत्या की।' पाटीदार पर कार्रवाई का पूछने पर आईजी ने कहा 'मामले में अभी जांच चल रही है कुच भी कहना अभी जल्दबाजी होगी।'

आरोपी एसपी मणिलाल पाटीदार पर इंद्रकांत की मौत के बाद 307 की धारा लगाई गी थी। जो बाद में बदलकर 302 यानी हत्या कर दी गई थी। लेकिन अब पुलिस की इस गणित के बाद हत्या आत्महत्या को देख रही है। जिसके बाद अब पाटीदार पर लगी 302 तरमीम कर यानी बदलकर आत्महत्या के लिए मजबूर करने की धारा 306 लगा दी जाएगी। और कुछ दिन महिने बाद जमानत। एसआईटी ने सिपाही आशू के लिए कहा कि वह नशे में था, राजा साहब खुद को कह रहा था। मणिलाल पाटीदार से पूछताछ नहीं हो पा रही है, बताया जा रहा है कि पाटीदार खुद को कोरोना से संक्रमित बता रहा है और एसआईटी को अपने पास तक पहुँचने नहीं दे रहा है। जनता को एसआईटी से उम्मीद रखनी चाहिए देश की जाँच एजेंसी है।

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