Mathura News : स्कूल बना तालाब, कुर्सियों पर पैर रखकर पहुंचीं शिक्षिका, वीडियो हुआ वायरल

Mathura News : बारिश से जल भराव होने पर स्कूल में पानी भर गया। जिसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ा। इसके निजात के लिए शिक्षका ने कुर्सियो का पुल बनवाया कि छोटे-छोटे बच्चों के पैर गंदे न हो। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।

Update: 2022-07-28 09:59 GMT

Mathura News : बारिश से जल भराव होने पर स्कूल में पानी भर गया। जिसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ा। इसके निजात के लिए शिक्षका ने कुर्सियो का पुल बनवाया कि छोटे-छोटे बच्चों के पैर गंदे न हो। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।

मानसून से पहले नालों की साफ-सफाई की जिम्मेदारी शहरों व कस्बों में निकायों तथा ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम प्रधानों पर है। मौसमी बारिश के शुरुआती दिनों में साफ-सफाई के दावों की पोल खुल गई। शहर में ही नहीं, अब देहात-कस्बों में भी लोगों को जलभराव की समस्या जूझना पड़ता है। सरकारी स्कूल भी जलभराव की समस्या से अछूते नहीं है, जिसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ता है।

यूपी के मथुरा जिले के विकास खंड बलदेव की ग्राम पंचायत दघेटा के प्राथमिक विद्यालय का है। जहां बारिश के पानी का निकास न होने के कारण प्राथमिक विद्यालय तालाब में तब्दील हो गया। इससे बच्चों को स्कूल आने-जाने में दिक्कत हुईं। शिक्षक भी परेशान हुए, लेकिन एक शिक्षिका ने पैर गंदे न हों, इसके लिए छोटे-छोटे बच्चों से कुर्सियों का पुल बनवाया। कुर्सियों के ऊपर पैर रखकर शिक्षिका स्कूल के गेट से बरामदे तक पहुंचीं। 27 जुलाई

मंगलवार की सुबह से बरसात होने पर स्कूल परिसर में पानी भर गया। पूरा परिसर तालाब जैसा नजर आने लगा। छात्र-छात्राएं बारिश के पानी से गुजर कर अपनी कक्षाओं तक पहुंचे, लेकिन एक शिक्षिका ने बच्चों से स्कूल की कुर्सियां पानी में रखवाईं, जिन पर पैर रखकर वह बरामद तक पहुंचीं।

प्रधानाध्यापिका बोली

प्रधानाध्यापिका सुजाता सिंह ने बताया कि सहायक अध्यापिका को स्किन एलर्जी है, जिसकी वजह से उन्होंने बच्चों से कुर्सियां रखवाई थीं। प्रधानाध्यापिका उन्होंने बताया कि स्कूल के सामने सड़क को बनाया जा रहा है। मिट्टी डालकर सड़क को ऊंचा कर दिया गया है, जिससे स्कूल परिसर नीचे हो गया है। नालियां भी बंद हो गईं हैं। जिसकी वजह से पानी निकलना बंद हो गया है। उन्होंने कहाकि समस्या से खंड विकास अधिकारी बलदेव एवं शिक्षा विभाग को अवगत कराया गया, लेकिन समाधान नहीं हुआ। 

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