अयोध्या के कार्यक्रम में दलित महामंडलेश्वर कन्हैया प्रभुनंदन गिरी को न बुलाने से मायावती नाराज

मायावती ने कहा कि दलित महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभुनन्दन गिरि की शिकायत के मद्देनजर यदि अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले भूमिपूजन समारोह में अन्य 200 साधु-सन्तों के साथ इनको भी बुला लिया गया होता तो यह बेहतर होता....

Update: 2020-07-31 08:51 GMT

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के प्रस्तावित कार्यक्रम में महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभुनंदन गिरि को आमंत्रित न करने पर नाराजगी जताई है।

उन्होंने कहा कि अगर 200 संतों के साथ इन्हें बुला लिया जाता तो बेहतर होता। मायावती ने शुक्रवार को ट्विटर के माध्यम से लिखा कि 'दलित महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभुनन्दन गिरि की शिकायत के मद्देनजर यदि अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले भूमिपूजन समारोह में अन्य 200 साधु-सन्तों के साथ इनको भी बुला लिया गया होता तो यह बेहतर होता। इससे देश में जातिविहीन समाज बनाने की संवैधानिक मंशा पर कुछ असर पड़ सकता था।'

उन्होंने आगे लिखा, 'वैसे जातिवादी उपेक्षा, तिरस्कार व अन्याय से पीड़ित दलित समाज को इन चक्करों में पड़ने के बजाए अपने उद्धार हेतु श्रम/कर्म में ही ज्यादा ध्यान देना चाहिए व इस मामले में भी अपने मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के बताए रास्ते पर चलना चाहिए, यही बीएसपी की इनको सलाह है।'

ज्ञात हो कि महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभु नंदन गिरि ने अयोध्या में प्रस्तावित एक कार्यक्रम पर सवाल उठाने के साथ दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में होने वाले समारोह में जिन 200 खास मेहमानों को बुलाए जाने की संभावना है, उनमें दलित महामंडलेश्वर का नाम नहीं है। स्वामी कन्हैया गिरि को अभी तक कोई न्यौता भी नहीं मिला है। वह इससे न सिर्फ नाराज हैं, बल्कि उन्होंने आयोजन को लेकर गंभीर सवाल भी उठाए हैं।

स्वामी कन्हैया प्रभु नंदन गिरि ने कहा है कि पहले मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में किसी दलित को जगह नहीं दी गई और उसके बाद अब भूमि पूजन समारोह में भी इस समुदाय की उपेक्षा की जा रही है।

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