बीजेपी सरकार में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में खनन माफिया सक्रिय, समाजसेवी भी लिप्त
अहरौरा थाना छेत्र के धुरिया, कंचनपुर, दानो, भंडारी देवी, कुदारन, सोनपुर, भगवती देई, रस्तोगिया में इन दिनों खनन माफियाओं ने प्राकृतिक धरोहर में फिर से सेंध लगाना शुरू कर दिया है। अधिकारी जांच के नाम पर औपचारिकता पूरी कर इन माफियाओं से मोटी रकम लेकर इन्हें क्लीन चिट दे रहे हैं।
मिर्जापुर से पवन जायसवाल की रिपोर्ट
जनज्वार। साढे तीन साल पहले उत्तरप्रदेश में योगी सरकार के गठन के बाद लोगों ने सोचा था कि अवैध खनन से छुटकारा मिलेगा। लोगों को ऐसा लगा था कि खनन माफिया, गुंडे, तस्कर, चोर, अपराधी अब अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे। लेकिन, तीन साल बीत जाने के बाद भी इन माफियाओं को सत्ताधारी नेताओं की शह मिलने लगी है, जिससे इनका मनोबल इतना बढ़ गया है कि अवैध खनन कर वे प्रकृति को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
अहरौरा थाना छेत्र के धुरिया, कंचनपुर, दानो, भंडारी देवी, कुदारन, सोनपुर, भगवती देई, रस्तोगिया में इन दिनों खनन माफियाओं ने प्राकृतिक धरोहर में फिर से सेंध लगाना शुरू कर दिया है। अधिकारी जांच के नाम पर औपचारिकता पूरी कर इन माफियाओं से मोटी रकम लेकर इन्हें क्लीन चिट दे रहे हैं। खनन माफियाओं पर पूर्व में दर्ज हुए मुकदमों में उन्हें राहत मिल गई है। इस वजह से फिर से क्रसर प्लांट, कटर प्लांट धड़ाधड़ अपने काम को अंजाम दे रहे हैं।
भारी मशीनों का इस्तेमाल
सैकड़ों डीपहोल करके ब्लास्टिंग प्लिंथ लेबल से नीचे खनन करके पर्यवरण को भारी क्षति पहुंचायी जा रही है। दोपहर के समय लगातार हर एरिया में दर्जनों ब्लास्टिंग से आसपास का इलाका थर्रा उठता है। इसका खामियाजा आम मजबूर जनता भुगत रही है। ऐसी जगहों पर अधिकतर आबादी गरीब मजदूर जैसो की होती है। अगर ये आवाज उठाते हैं तो अधिकारी और अवैध खनन करने वाले उल्टे राजस्व क्षति का मामला दर्ज कर जेल भेजने का रौब जमाते हैं। इससे आहत ये लोग अपने को असहाय महसूस करते हैं। ब्लास्टिंग से पूर्वांचल का जरगो जलाशय भी संकट में पड़ रहा है।