MLA Raju Pal Murder Case : बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के भाई समेत 6 पर तय हुए आरोप

BSP MLA Raju Pal Murder Case : बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में छह आरोपियों के विरूद्ध आरोप तय किये गये हैं। सीबीआई अदालत की स्पेशल जज कविता मिश्रा ने आरोप तय करते हुए मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 13 अक्टूबर रखी है।

Update: 2022-10-01 09:40 GMT

BSP MLA Raju Pal Murder Case : बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में छह आरोपियों के विरूद्ध आरोप तय किये गये हैं। सीबीआई अदालत की स्पेशल जज कविता मिश्रा ने आरोप तय करते हुए मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 13 अक्टूबर रखी है। बता दे कि इस हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के भाई पूर्व विधायक अशरफ समेत अन्य लोग शामिल हैं।

इन सभी छहों आरोपियों के खिलाफ हत्या, हत्या की साजिश रचने और हत्या के प्रयास मामले में आरोप तय किया गया है। हालांकि, अदालत के सामने आरोपियों ने खुद पर लगे आरोपों को इनकार किया साथ ही सभी ने ट्रायल की मांग रखी है।

मामले की सुनवाई के लिए अदालत में आरोपी अशरफ और फरहान को जेल से लाकर जज के समक्ष पेश किया गया था। इसके अलावा जमानत पर चल रहे रंजीत पाल, आबिद, इसरार, अहमद और जुनैद व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट रूम में पेश हुए थे।

राजू पाल की पत्नी ने दर्ज कराई थी FIR

विधायक राजू पाल की हत्या के बाद उनकी पत्नी पूजा पाल ने थाना धूमनगंज में पति की हत्या किये जाने को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, खालिद अजीम को नामजद किया गया था। तब से लेकर अब तक यह मामला चल रहा है।

मामले में कब क्या हुआ?

  • 6 अप्रैल 2005 को पुलिस ने हत्याकांड की विवेचना के बाद अतीक और उसके भाई समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
  • 12 दिसंबर 2008 को इस मामले की जांच सीबी-सीआईडी को सौंपी गई थी।
  • 10 जनवरी 2009 को सीबी-सीआईडी ने 5 आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था। जिसमें मुस्तकीम मुस्लिम उर्फ गुड्डू, गुलशन, दिनेश पासी और नफीश कालिया को आरोपी बनाया गया था।
  • 22 जनवरी 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी।
  • सीबीआई ने मामला दर्ज कर विवेचना के बाद 20 अगस्त 2019 को सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

क्या है पूरा मामला?

साल 2004 के आम चुनाव में फूलपुर से सपा के टिकट पर अतीक अहमद को सांसद चुना गया था। जिसके बाद इलाहाबाद पश्चिम सीट खाली हो गई थी इस सीट पर हुए उपचुनाव में सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया था। इधर बसपा ने उनके खिलाफ राजू पाल को खड़ा कर दिया। इस उपचुनाव में राजू पाल ने अतीक के भाई अशरफ को हरा दिया था।

उपचुनाव में जीत दर्ज करने के बाद कुछ ही महीनें में यानी 25 जनवरी 2005 को दजिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में देवी पाल और संदीप पाल की भी मौत हो गई थी। दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस हत्याकांड के बाद सीधे तौर पर सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था।  

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