कंपाउंडर और सफाईकर्मी ने कर दी डिलेवरी, मेरठ के अस्पताल में इलाज के दौरान जच्चा बच्चा की मौत

परिजनों का आरोप है कि जब वह ऑपरेशन थिएटर के अंदर पहुंचे तो नीतू की लाश बाथरूम के अंदर स्ट्रेचर पर थी। ऐसा लग रहा था जैसे बाथरूम के भीतर ही उसकी डिलीवरी की गई हो, हम लोगों ने बाथरूम में ही डिलेवरी से संबंधित सामान भी पड़ा हुआ देखा था....

Update: 2020-08-31 08:33 GMT

मेरठ। यूपी के मेरठ में ब्रह्मपुरी क्षेत्र स्थित शिवाय हॉस्पिटल में रविवार दोपहर एक जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। गुस्साए परिजनों व ग्रामीणों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। तोड़फोड़ की भी कोशिश की गई। गुस्साए लोग इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए महिला डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज करने व उसे मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे। रात तक हंगामे के चलते अस्पताल में भारी पुलिस फोर्स तैनात रही।

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव दूधाहेड़ी निवासी विकास राठी ने अपनी गर्भवती पत्नी नीतू को शनिवार रात ढाई बजे मेट्रो प्लाजा के पास बने शिवाय हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। विकास के अनुसार मोबाइल पर उनकी डॉक्टर से बातचीत भी हुई। जिसके बाद महिला डॉक्टर ने कुछ देर बाद अस्पताल आने के लिए कहा।

जानकारी के मुताबिक रविवार दोपहर करीब एक बजे डिलीवरी के बाद नीतू की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद अस्पताल में हड़कंप मचा तो परिजन ऑपरेशन थिएटर पहुंचे। आरोप है वहां नवजात बच्चा तड़प रहा था, जिसके बाद परिजन नवजात को शुभम अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक नवजात की भी मौत हो गई। विकास का आरोप है महिला डॉक्टर डिलीवरी के लिए नहीं आई और कंपाउंडर ने ही डिलीवरी कर दी। महिला की मौत का पता चलते ही 100 से अधिक की संख्या में लोग दूधाहेड़ी गांव से ट्रैक्टर-ट्रॉली व गाड़ियों से अस्पताल पहुंच गए और हंगामा करते हुए अस्पताल में धरने पर बैठ गए।

पुलिस ने डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज करने का आश्वासन दिया, लेकिन उसके बावजूद ग्रामीण शांत नहीं हुए। उन्होंने पुलिस से साफ कहा कि जब तक डॉक्टर यहां नहीं आएंगी, तब तक किसी की लाश नहीं उठेगी। सीओ का कहना है कि महिला के पति ने डॉ शिखा सेठ व डॉ विकास सेठ के खिलाफ तहरीर दी है। तहरीर के आधार पर जांच करने के उपरांत कार्रवाई की जा रही है।

मृतक नीतू के भाई अजय व पति विकास का कहना था कि महिला डॉक्टर कुछ देर में आकर डिलीवरी करने की बात मोबाइल पर कहती रही। नीतू की मौत होने पर जब परिजनों ने डॉक्टर को बुलाने की मांग की तो उन्होंने खुद को विदेश में होना बताया। जब अस्पताल में डॉक्टर नहीं थी तो फिर कंपाउंडर से ऑपरेशन क्यों कराया। महिला डॉक्टर ने ब्रह्मपुरी पुलिस से मोबाइल पर कहा कि उन्होंने दूसरी महिला डॉक्टर को बुला लिया था। इलाज में लापरवाही की बात गलत है।

इसके अलावा परिजनों का आरोप है कि जब वह ऑपरेशन थिएटर के अंदर पहुंचे तो नीतू की लाश बाथरूम के अंदर स्ट्रेचर पर थी। ऐसा लग रहा था जैसे बाथरूम के भीतर ही उसकी डिलीवरी की गई हो। हम लोगों ने बाथरूम में ही डिलेवरी से संबंधित सामान भी पड़ा हुआ देखा था।

घटना की सूचना पर सीओ ब्रह्मपुरी अमित कुमार, इंस्पेक्टर ब्रह्मपुरी सुभाष अत्री और कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंचे। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन में लापरवाही बरती गई, जिस कारण महिला और नवजात पुत्र की जान चली गई। इसके जिम्मेदार डॉक्टर हैं। डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज कराने और मौके पर बुलाने की मांग को लेकर घण्टों बखेड़ा चलता रहा। 

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