लखनऊ में दो बेटे रिक्शे से लादकर ले गए मां का शव, लालबाग में सड़ रहीं 2 दर्जन से ज्यादा एंबुलेंस

मां की मौत होने के बाद सिविल अस्पताल के बाहर दोनों युवक घंटों एंबुलेंस का इंतजार करते रहे लेकिन एंबुलेंस का कुछ अता-पता नहीं चला...

Update: 2021-04-26 04:57 GMT

जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। राजधानी लखनऊ के हजरतगंज का एक वीडियो इस समय तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक बुजुर्ग महिला को उनके दो बेटे रिक्शे से ले जा रहे हैं। जब यह वीडियो वायरल हुआ तो इसकी सच्चाई निकल कर सामने आई। आपको बता दें कि यह युवक वर्तमान समय में सिविल हॉस्पिटल के धोबी बताए जा रहे हैं। वीडियो की पड़ताल की गई तो पता चला कि इनकी मां की तबीयत अचानक खराब हुई। हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मां की मौत हो गई।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह वीडियो जरूर देखना चाहिए था की कमी ना होने के उनके दावे की हवा कैसे निकलकर सड़कों में मातम फैला रही है। मां की मौत होने के बाद सिविल अस्पताल के बाहर दोनों युवक घंटों एंबुलेंस का इंतजार करते रहे लेकिन एंबुलेंस का कुछ आता पता नहीं चला। जिससे लाचार होकर मृतक मां के दोनों बेटों ने एक रिक्शे से अपनी मां का शव घर ले जाने को मजबूर हुए।

वीडियो में आप साफ़ देख सकते हैं किस तरह से मृतक मां के दोनों बेटे लाचार होकर इस सिस्टम के आगे हार गए। प्रदेश के कई कोनों ऐसे तमाम वीडियो और तस्वीरें सामने आ रहे हैं जहां पर पीड़ित परिवार लाचार होकर ऑटो, ई-रिक्शा, तो रिक्शे से अपने अपनों का शव लेकर जाते दिखाई दे रहे हैं। बावजूद इसके सरकार हवा-हवाई आंकड़े बनाने जुटाने में मशरूफ है।

यह दूसरी तस्वीर हजरतगंज के सिविल अस्पताल से महज 300 मीटर की दूरी पर लालबाग कोविड-19 कमांड सेंटर के सामने लालबाग गर्ल्स कॉलेज के अंदर की है। यहां आपको 20 से 25 सरकारी एंबुलेंस खड़ी मिलेंगी। अब सवाल यह है कि एंबुलेंस होने के बावजूद हेल्पलाइन नंबर पर जब कोई पीड़ित फोन कर मदद मांगता है तो आखिर क्यों नहीं समय से एंबुलेंस पीड़ित तक पहुंच पा रही है। इसे सिस्टम की खामी नहीं तो और क्या कहा जाए?

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