UP : बिकरू हत्याकांड में हथियारों पर कई फिंगरप्रिंट्स मिले, फॉरेंसिक जांच में हुए कई और खुलासे

बिकरू हत्याकांड के बाद जिला प्रशासन ने दुबे के करीबी सहयोगियों और परिजनों को जारी 25 हथियारों के लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी....

Update: 2020-10-29 11:28 GMT

न्यायिक जांच आयोग ने बिकरू डॉन विकास दुबे एनकाउंटर मामले में यूपी पुलिस को किया सवालों के घेरे में खड़ा

कानपुर। बिकरू हत्याकांड को लेकर फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) की जांच में सामने आया है कि घटना में इस्तेमाल किए गए हथियारों पर कई लोगों की अंगुलियों के निशान (फिंगरप्रिंट्स) मिले हैं।

गैंगस्टर विकास दुबे व उसके साथियों ने 3 जुलाई को आठ पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

एक एफएसएल अधिकारी ने आईएएनएस को गुरुवार 29 अक्टूबर को बताया, "हमने देशी कट्टे के अलावा पिस्तौल, राइफल, सिंगल एंड डबल-बैरल गन समेत दस हथियार बरामद किए थे। इन हथियारों पर एक से ज्यादा लोगों के निशान थे, जिससे पता चलता है कि घटना के दौरान इसका प्रयोग एक से ज्यादा लोगों ने किया था।"

हथियारों पर कई फिंगरपिंट्र्स से जांचकर्ताओं के सामने आरोपी के फिंगरप्रिंट से मिलान करना मुश्किल हो जाएगा।

इस बीच, कानपुर में जिला अधिकारियों ने दुबे के आठ और साथियों के हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।

बिकरू हत्याकांड के बाद जिला प्रशासन ने दुबे के करीबी सहयोगियों और परिजनों को जारी 25 हथियारों के लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।

एडीएम (सिटी) अतुल कुमार ने पत्रकारों को बताया कि प्रशासन ने दीपक दुबे, श्रीकांत शुक्ला, रमेश चंद द्विवेदी, राकेश कुमार, रविंदर कुमार, सुरज सिंह और आशुतोष के हथियार लाइसेंस को रद्द कर दिया है। इनमें से सुरज और आशुतोष को छोड़कर सभी बिकरू गांव के रहने वाले हैं।

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