मुरादनगर हादसा : मृतकों के परिजनों ने शवों को सड़क पर रखकर लगाया जाम, घटिया निर्माण में 3 अरेस्ट

बीते दिन मुरादनगर श्मशान घाट के हुए हादसे में मृतकों के परिजनों ने मुरादनगर में दो जगह जाम लगा दिया है, एक जगह चार शव और दूसरी जगह तीन शव रखकर परिजन प्रदर्शन कर रहे हैं....

Update: 2021-01-04 09:26 GMT

जनज्वार ब्यूरो/गाजियाबाद/मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ और गाजियाबाद के बीच स्थित मुरादनगर शमशान घाट हादसे के बाद ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश पनप रहा है। आज सोमवार 4 जनवरी की सुबह मृतकों के परिजनों ने शवों को मुरादनगर में दो जगह सड़क पर रखकर जाम लगा दिया है। जिसके चलते कई रास्तों पर भी भारी ट्रैफिक जाम के हालात बन गए हैं। वहीं दूसरी तरफ मेरठ दिल्ली मार्ग को बंद कर दिया गया है। ट्रैफिक को हापुड़ होते हुए निकाला जा रहा है। हाईवे पर 15 किमी लंबा जाम लग गया है।

गौरतलब है कि बीते दिन मुरादनगर श्मशान घाट के हुए हादसे में मृतकों के परिजनों ने मुरादनगर में दो जगह जाम लगा दिया है। एक जगह चार शव और दूसरी जगह तीन शव रखकर परिजन प्रदर्शन कर रहे हैं। शव को सड़क पर रखकर परिजन 15 लाख रुपये व एक सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं। जाम लगने के बाद प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं और परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। मौके पर भारी पुलिस फ़ोर्स तैनात है।

बताते चलें कि इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमे ईओ निहारिका सिंह, जेई सीपी सिंह सहित एक सुपरवाइजर आशीष भी शामिल है। वहीं ठेकेदार अजय त्यागी फरार हो चुका है। मंडलायुक्त और आईजी घटनास्थल पर डेरा डाले हुए है। अधिकारियों ने जाम लगा रहे लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग जाम खोलने को तैयार नहीं हैं। परिजन अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।

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क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि यदि पालिका अधिकारी समय रहते घटिया निर्माण सामग्री लगाने की शिकायत पर ध्यान दे देते तो शायद कल इतना बड़ा हादसा नहीं होता। वहीं, नगर पालिका परिषद मुरादनगर की अधिशासी अधिकारी निहारिका चौहान ने कहा कि लेंटर कैसे गिरा, इसकी जांच कराई जा रही है। जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट होगा।

'जनज्वार' को मिली जानकारी के मुताबिक नगर पालिका परिषद मुरादनगर ने 14वें वित्त आयोग द्वारा विकास कार्य के लिए जारी की गई राशि से यह टेंडर छोड़ा था। प्रक्रिया के तहत 55 लाख रुपये में टेंडर गाजियाबाद निवासी एक ठेकेदार ने लिया था। पूर्व पालिकाध्यक्षा रेखा अरोड़ा के पति राधेकिशन अरोड़ा ने छह महीने पहले घटिया सामग्री लगाने का आरोप लगाते हुए निर्माण रुकवाया था। इसके अलावा सभासद बिंदू त्यागी ने दीवार में पीली ईंट लगाने की भी बात कही थी।

इसके अलावा अक्टूबर महीने में पिलर खड़े करके उन पर लेंटर डाला गया। अभी कुछ समय पहले ही लेंटर से शटरिंग हटाये जाने की बात भी सामने आई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि गैलरी 50 फीट लंबी और 23 फीट चौड़ी बनाई गई थी। लेंटर डालने के लिए जो पिलर बनाए गए उसका बेस कमजोर था। इस कारण रविवार 3 जनवरी की सुबह से हो रही बारिश का पानी नींव में चला गया और पिलर ढह गए।

मुरादनगर नगर पालिका परिषद ने बंबा मार्ग स्थित श्मशान घाट के जीर्णोद्धार के लिए 55 लाख रुपये में ठेका आठ महीने पहले छोड़ा था। श्मशान घाट परिसर में अंतिम संस्कार के लिए स्थान के अलावा मुख्य गेट के पिलर पर गैलरी बनाने का काम होना था। बताया जा रहा है कि जब ठेकेदार ने निर्माण कार्य शुरू किया तो स्थानीय लोगों ने घटिया निर्माण सामग्री लगाने का आरोप लगाया था।

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