यूपी : बसपा छोड़ कर कांग्रेस में गए नसीममुद्दीन सिद्दीकी की विधान परिषद सदस्यता रद्द

नियम विरुद्ध ढंग से दल बदल किए जाने के कारण निर्वाचन की तारीख से ही नसीमुद्दीन सिद्दीकी की विधान परिषद सदस्यता रद्द कर दी गई है...

Update: 2020-07-21 13:33 GMT

जनज्वार। बहुजन समाज पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी की विधान परिषद की सदस्यता रद्द की गई। मंगलवार 21 जुलाई को यह फैसला विधान परिषद के सभापति ने पूर्व में इस मामले में बहुजन समाज पार्टी की ओर से की गई सुनवाई पर लिया। इस मामले में कहा गया है कि जिस तारीख को सिद्दकी कांग्रेस में शामिल हुए उसी तारीख से उनकी सदस्या खत्म मानी जाएगी।

नसीमुद्दीन सिद्दीकी एक समय में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के बेहद करीबी नेताओं में शामिल थे। मायावती ने उन्हें अपनी सरकार में मंत्री भी बनाया था। पर, सिद्दीकी ने 22 फरवरी 2018 को बसपा छोड़ दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए। उस समय वे बसपा से विधान परिषद सदस्य थे और इसके लिए 23 जनवरी 2015 को निर्वाचित हुए थे।

इसके बाद बसपा ने इस संबंध सभापति के समक्ष याचिका दायर की। इस याचिका में इस संबंध में संवैधानिक प्रावधानों व व्यवस्था का हवाला दिया गया। लंबी सुनवाई के बाद सभापति ने सिद्दीकी के दल बदल को गलत माना और निर्वाचन की तारीख से ही उनकी सदस्यता रद्द करने का फैसला दिया। सभापति के पास इस मामले में विधान परिषद में बसपा के नेता सुनील कुमार चित्तौड़ ने याचिका दायर की थी।




सिद्दीकी को गुलाम नबी आजाद व तत्कालीन अध्यक्ष राज बब्बर ने कांग्रेस में शामिल करवाया था। उस समय पार्टी के दो प्रदेश सचिवों ने अवधेश सिंह व संजय दीक्षित ने इसका विरोध किया और कहा था कि वे मायावती सरकार में मंत्री रहते भ्रष्टाचार में शामिल रहे और उनको पार्टी में लाने का फैसला राहुल गांधी की स्वच्छ राजनीति के उलट है। इसके बाद प्रदेश इकाई ने दोनों सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया था।

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