हत्यारोपी की मॉब लिंचिंग मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का यूपी सरकार को नोटिस
आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को भी एक रिपोर्ट के लिए नोटिस भी जारी किया है कि क्या मृतक के परिजनों को कोई राहत दी गई है, क्योंकि राज्य उस शख्स के निष्पक्ष ट्रायल के अधिकार को सुरक्षित करने में नाकाम रहा है.....
लखनऊ। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में पुलिस की मौजूदगी में एक हत्यारोपी को भीड़ द्वारा पीटकर मार दिए जाने की घटना का संज्ञान लिया। यह घटना सोमवार की है। एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें हत्या के दोनों मामलों के संबंध में दर्ज मामलों की जांच की स्थिति सहित चार सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट की मांग की गई है।
आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को भी एक रिपोर्ट के लिए नोटिस भी जारी किया है कि क्या मृतक के परिजनों को कोई राहत दी गई है, क्योंकि राज्य उस शख्स के निष्पक्ष ट्रायल के अधिकार को सुरक्षित करने में नाकाम रहा है। उन्हें संबंधित अधिकारियों के खिलाफ शुरू की गई किसी भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की स्थिति के बारे में जानकारी देने के लिए कहा गया है।
पुलिस के अनुसार, मॉब लिंचिंग का शिकार हुआ शख्स गोरखपुर का रहने वाला था और सुधीर कुमार सिंह नाम के शिक्षक की तलाश में गांव आया था। जैसे ही उसने सिंह को देखा, उसने अपने पिता की बंदूक निकाली और शिक्षक की गोली मारकर हत्या कर दी।
शिक्षक की हत्या करने के बाद, शख्स ने भागने की कोशिश की लेकिन घर के बाहर भीड़ जमा होने पर, वह छत पर चढ़ गया, बंदूक लहराई और ग्रामीणों को दूर रखने के लिए गोलियां चलाई। पुलिस ने बताया कि पुलिस की एक टीम ने छत पर उसका पीछा किया, लेकिन वह भाग निकला और उसे भीड़ ने पकड़ लिया, जिसने उसे बेरहमी से पीट-पीट कर मार डाला। बाद में घटना से संबंधित वीडियो सामने आए, जिसमें भीड़ द्वारा पकड़ने और उस पर हमला करने से पहले शख्स को पुलिस हिरासत में दिखाया गया है।
रिपोर्टों के मुताबिक, घटना होने के समय कई पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे। कुछ पुलिसकर्मियों को भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश करते हुए देखा गया, लेकिन ये तब भी नहीं थमा जब शख्स हमेशा के लिए खामोश हो गया और जमीन खून से रंग गई थी। लापरवाही के लिए इलाके के थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है।