Noida Twin Tower News : ट्विन टावर के 711 में से 59 निवेशकों को सुपरटेक से अभी तक नहीं मिले रिफंड, एमिकस क्यूरी ने दिए थे ये सुझाव
Noida Twin Tower News : सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च 2022 निवेशकों के रिफंड की आखिरी तारीख तय की थी। सुपरटेक ने इंसोल्वेंसी में जाने के बाद मई में कोर्ट को बताया कि सुपरटेक के पास रिफंड के पैसे नहीं हैं।
Noida Twin Tower News : उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 93 में स्थित सुपरटेक ट्विन टावर ( Noida twin tower ) राजनेता, नौकरशाह और रियल एस्टेट डेवलपर्स के भ्रष्टाचार का नायाब नमूना है। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) के आदेश पर अमल करते हुए नोएडा प्रशासन कुछ देर बाद ट्विन टावर ( Twin Tower ) को बारूद के जरिए पूरी तरह से जमींदोज कर देगी। यह दूसरी रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए एक सबक भी होगा, लेकिन इस घटना से दूसरे रियल एस्टेट डेवलपर्स सबक लेंगे।
निवेशकों की कमाई का क्या होगा
अहम सवाल यह है कि सुपरटेक ( Supertech ) के ट्विन टावर परियोजना में जिन निवेशकों ( Twin Tower investors ) ने अपनी जिंदगी भर की जमा पूंजी लगाई उनका क्या होगा। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने जो निवेशकों को पैसे लौटाने के आदेश दिए थे उसका क्या हुआ? इतना ही नहीं नोएडा में सुपरटेक सहित कई रियल एस्टेट डेवलपर्स ने दर्जनों परियोजना के तहत निवेशकों से करोड़ों रुपए वसूले, उसका क्या होगा। सुपरटेक की ही बात करें तो उसके ग्रेटर नोएडा में कई ऐसे अन्य प्रोजेक्ट भी हैं, जिसके लिए कंपनी ने 10 से 15 पहले निवेशकों से निवेश करवाए थे, लेकिन अभी तक उन योजनाओं पर या तो काम शुरू नहीं हुए, अगर किसी पर काम शुरू हुआ भी तो आधे-अधूरे पड़े हैं और निवेशक किराये के मकान में रहने को मजबूर हैं, जबकि कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक बायर्स को फ्लैट पजेशन का समय भी कई साल पहले समाप्त हो चुके हैं। चिंता की बात तो यह है कि उन परियोजनाओं में निवेश करने वालों का कहना है कि ट्विन टावर तो आज ध्वस्त हो जाएगा। निवेशकों को पैसे वापस करने का काम भी अंतिम चरण में है, लेकिन सुपरटेक के अन्य प्रोजेक्ट में निवेश करने वालों का क्या होगा? क्या योगी सरकार निवेशकों का ध्यान रखते हुए उन्हें भी सुपरटेक के भ्रष्टाचार और फरेब से राहत दिलाने में मदद करेगी।
दरअसल, ट्विन टावर ( Twin tower ) में 711 लोगों ने फ्लैट्स खरीदे थे। इनमें से 652 लोगों के साथ कंपनी ने सेटलमेंट कर लिया है। जबकि 59 ग्राहकों को अभी तक रिफंड नहीं मिला है। ट्विन टावर में फ्लैट खरीदने वाले लोगों का कहना है कि उनका पैसा वापस किया जाए। इस मामले में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई थी। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा था कि आईपीआर को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में 30 सितंबर तक 1 करोड़ रुपए जमा करने होंगे। ताकि सुपरटेक होमबॉयर्स को कुछ भुगतान किया जा सके। याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा था कि खरीदारों का कुल 5.15 करोड़ रुपए लंबित हैं। इस मामले में सीआरबी और सुपरटेक के अधिकारियों के साथ चर्चा की गई है।
इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एमिकस क्यूरी ने सुझाव दिया था कि हम सुपरटेक से कह सकते हैं कि अन्य परियोजनाओं को बेचने के बाद खरीदारों को किश्तों में भुगतान किया जाए। इसके साथ ही ये भी देखा जाए कि सुपरटेक की ऐसी कौन सी संपत्ति हैं, जिन्हें बेचा जा सकता है, ताकि घर खरीदारों को भुगतान किया जा सके।
सेटलमेंट का ये है फार्मूला
सुपरटेक के ट्विन टावर में 711 ग्राहकों ने फ्लैट्स बुक कराए थे। सुपरटेक ने 652 ग्राहकों के साथ सेटलमेंट कर लिया है। सेटलमेंट के लिए बुकिंग अमाउंट और ब्याज मिलाकर रिफंड का विकल्प आजमाया गया। मार्केट या बुकिंग वैल्यू़इंटरेस्ट की कीमत के बराबर प्रॉपर्टी दी गई। प्रॉपर्टी की कीमत कम या ज्यादा होने पर पैसा रिफंड किया या अतिरिक्त रकम ली गई। जिन लोगों को बदले में सस्ती प्रॉपर्टी दी गई, उनमें सभी को अभी तक बाकी रकम नहीं मिली है। ट्विन टावर्स के 59 ग्राहकों को अभी तक रिफंड नहीं मिला है।
इंसोल्वेंसी में जाकर सुपरटेक ने बायर्स को फंसाया
Noida Twin Tower News : सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च, 2022 रिफंड की आखिरी तारीख तय की थी। 25 मार्च को सुपरटेक के इंसोल्वेंसी में जाने से रिफंड की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। इंसोल्वेंसी में कुछ हिस्सा जाने के बावजूद और बाकी हिस्सा दिवालिया प्रक्रिया से बाहर होने पर भी सभी को रिफंड नहीं मिला। कुछ लोगों को प्लॉट, फ्लैट देकर बकाया रकम बाद में देने का वादा भी अभी तक अधूरा ही है। इंसोल्वेंसी में जाने के बाद मई में कोर्ट को बताया गया कि सुपरटेक के पास रिफंड का पैसा नहीं है।