बागपत दारोगा के दाढ़ी विवाद पर हिन्दू महासभा के उपाध्यक्ष ने कहा, नौकरी के लिए छोड़ी धर्म की कट्टरता

Update: 2020-10-25 14:02 GMT

मनीष दुबे की रिपोर्ट

जनज्वार। उत्तर प्रदेश के बागपत में मुस्लिम दरोगा की दाढ़ी में नया रोल सामने आया है। बागपत के रमाला थाने में नियुक्त दारोगा इंतसार अली को बिना अनुमति लंबी दाढ़ी रखने के आरोप में एसपी ने सस्पेंड कर दिया था। दारोगा को निलंबित करने के बाद मुस्लिम संगठनों ने एसपी को बर्खास्त किये जाने की मांग की थी। दारोगा ने बाद में दाढ़ी कटवाकर नौकरी जॉइन कर ली, जिसके बाद मेरठ के एक हिन्दू संगठन ने नया बखेड़ा खड़ा किया है।

अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित अशोक शर्मा ने बागपत में लंबी दाढ़ी रखने के बाद विवाद में आए दारोगा को बर्खास्त करने की मांग की है। शर्मा ने कहा देश के अंदर कट्टरता का बीज बोया जा रहा है। उनने बागपत के दारोगा को दुर्भाग्यशाली बताते हुए कहा कि दारोगा ने धर्म का प्रचार करने के लिए दाढ़ी रखी थी। लेकिन बाद में नौकरी के लालच में वो अपने धर्म को भूल गए। जब उन्हें नौकरी से सस्पेंड किया गया तो उन्होंने आनन-फानन में दाढ़ी कटवा ली।

पंडित अशोक शर्मा ने कहा कि अगर दारोगा जी धर्म के पक्के थे तो उन्हें दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए थी। शर्मा ने तंज कसते हुए कहा जब बात नौकरी पर आई थी कट्टर दारोगा जी डरकर भाग गए। शर्मा ने अपनी पार्टी अखिल भारत हिन्दू महासभा के हवाले से भारत सरकार से मांग की है कि ऐसे कट्टर दारोगा को बर्खास्त कर देना चाहिए।

इस मामले एसपी अभिषेक सिंह ने पुलिस मैनुअल का हवाला देते हुए कहा था कि सिख पुलिसकर्मी के अलावा अन्य कोई बिना अनुमति दाढ़ी—बाल आदि नहीं बढ़ा सकता है। उनके मुताबिक दारोगा इंतसार अली बिना अनुमति के ही दाढ़ी रख रहे थे, जिसकी शिकायत मिल रही थी। उन्हें तीन बार इसके लिए टोंका जा चुका था। बावजूद इसके उन्होंने दाढ़ी नहीं कटवाई। जिसके बाद दारोगा के खिलाफ अनुशासनहीनता में कार्रवाई की गई थी।

गौरतलब है कि मूल रूप से सहारनपुर निवासी इंतसार अली पिछले तीन साल से बागपत जिले में तैनात हैं। लॉकडाउन से पहले उन्हें रमाला थाने में तैनाती दी गई थी। इंतसार पुलिस विभाग के नियमों के विपरीत लंबी दाढ़ी रखने को लेकर चर्चा में आए थे।

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