ओवैसी ने बिहार चुनाव में हमारी मदद की, अब यूपी और पश्चिम बंगाल में भी करेंगे : BJP MP साक्षी महाराज

साक्षी महाराज ने ओवैसी को भाजपा का चुनावी मददगार बताया है और कहा है कि बिहार में जिस तरह हमलोगों को उनसे मदद मिली वह क्रम पश्चिम बंगाल व उत्तरप्रदेश में भी जारी रहेगा और इसके लिए भगवान-अल्लाह उन्हें ताकत दें...

Update: 2021-01-14 05:18 GMT

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जनज्वार। उत्तरप्रदेश के उन्नाव से भाजपा के लोकसभा सांसद साक्षी महाराज ने एआइएमआइएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जिसके बाद विपक्षी नेताओं को भाजपा को हमला करने क मौका मिल गया है। साक्षी महाराज ने ओवैसी को भाजपा की चुनाव जीत के लिए मददगार बताया है और बिहार के अनुभवों का हवाला देते हुए कहा है कि वे अब पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश में भी भगवा पार्टी की मदद करेंगे।

साक्षी महाराज ने ओवैसी के यूपी में चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि बड़ी मेहरबानी, उनको भगवान ताकत दे, उपर वाला खुदा उनका साथ दें, उन्होंने बिहार में हमारा सहयोग किया था, यूपी में भी सहयोग करेंगे और बाद में बंगाल में सहयोग करेंगे। साक्षी महाराज ने उन्नाव से दिल्ली जाने वक्त कन्नौज में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बयान दिया।

उनके इस बयान से विपक्षी दलों को भाजपा पर हमले का मौका मिल गया। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम लोग पहले से कह रहे हैं कि ओवैसी भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओवैसी भारतीय जनता पार्टी के कहने पर ही इस राज्य से उस राज्य में जाते हैं और इनके हेलीकाॅप्टर पर डीजल-पेट्रोल कौन डलवाता है यह सबको पता है। उन्होंने कहा कि इसलिए भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने खुल कर बोल दिया कि ओवैसी ने बिहार में उनकी पार्टी की मदद की, अब पश्चिम बंगाल में करेंगे और फिर उत्तरप्रदेश में भी मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि अच्छा हुआ कि भाजपा के चेहरे से नकाब उतर गया।

उधर, गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया ने साक्षी महाराज के बयान पर कहा कि भाजपा और ओवैसी का मिली-जुली कुश्ती का सच सामने आ गया है। भाजपा सांसद साक्षी महाराज खुद कह रहे हैं कि उन्होंने बिहार व यूपी में भाजपा की मदद की। अब बंगाल में भी करेंगे। हैदराबाद में दोस्ती निभाई और अब गुजरात भी गए हैं। मालूम हो कि ओवैसी की पार्टी गुजरात में स्थानीय निकाय के चुनाव में कूदने की योजना बना रही है, जिससे मुस्लिम वोटों के बंटवारे की कांग्रेस को चिंता हो रही है।

मालूम हो कि इस महीने के पहले सप्ताह में ओवैसी ने जहां पश्चिम बंगाल का दौरा किया था, वहीं दूसरे सप्ताह वे पूर्वी उत्तरप्रदेश के दौरे पर गए। दोनों यात्राओं के दौरान उन्होंने अन्य नेताओं के साथ उन स्थानीय मुस्लिम धार्मिक नेताओं से मुलाकात की जो खुद के लिए राजनीति में संभावनाएं तलाशने की कोशिश में हैं। ओवैसी इन नेताओं के माध्यम से इन दोनों राज्यों में अपना आधार बढाना चाहते हैं। इसके अलावा अति पिछड़े, पिछड़े व दलित तबके में प्रभाव रखने वाले नेताओं व दलों से वे गठजोड़ कर रहे हैं।

ओवैसी के निकट भविष्य में पश्चिम उत्तरप्रदेश के दौरे पर जाने की भी संभावना है। पश्चिम बंगाल में करीब 60 से 65 मुस्लिम प्रभाव वाली सीटें हैं जबकि यूपी में ऐसी सीटों की संख्या करीब 100 है। ओवैसी की सक्रियता से उन सीटों पर बड़े उलट-फेर की संभावना है, जैसा कि बिहार के सीमांचल इलाके में दिख चुका है। इसका नुकसान भाजपा के खिलाफ मैदान में उतरे मुख्य विपक्षी दल को होता है।

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