Pilibhit Crime news: छात्रा से गैंगरेप और हत्या से दहशत में पीलीभीत, बिकरु कांड वाले एसपी दिनेश कुमार से नहीं संभल रहा पीलीभीत

Pilibhit Crime news: जघन्य वारदात को 84 घंटे बीते मगर नहीं हाथ आए दरिंदे, यूपी पुलिस के पास नहीं दरिंदों का कोई सुराग, सड़कों पर उतरी महिलाएं और छात्राएं, मांगी सुरक्षा की गारंटी और बिटिया के लिए इंसाफ

Update: 2021-11-16 15:27 GMT

बच्चे की चाह में महिला पुजारी के पास पहुंची(प्रतीकात्मक तस्वीर)

पीलीभीत से निर्मलकांत शुक्ल ​की रिपोर्ट

Pilibhit Crime news:  उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही कानून व्यवस्था को लेकर लंबे चौड़े दावे करें और देश के गृहमंत्री यूपी में आधी रात को भी बेटियों के सुरक्षित घूमने की बात सार्वजनिक रूप से कहें मगर पीलीभीत (Pilibhit) के बरखेड़ा (Barkheda) थाना क्षेत्र में हुए छात्रा गैंगरेप हत्याकांड ने कानून व्यवस्था की कलई खोल दी है।

जनपद में इस घटना को लेकर महिलाएं और युवतियां दहशत में हैं। 13 नवंबर को हुई इस बड़ी वारदात का 3 दिन बाद भी पुलिस के लिए खुलासा करना तो दूर उसके पास दरिंदों के बारे में कोई सुराग तक नहीं है।वारदात के 84 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। ना तो दरिंदे पकड़े गए और ना ही पुलिस अब जल्द खुलासा करने का दावा करने की स्थिति में है। समाज का हर वर्ग इतनी बड़ी घटना को लेकर गुस्से में है। वकीलों ने भी बिटिया को न्याय दिलाने के लिए न्यायिक कार्य नहीं किया। डिग्री कॉलेज की छात्राएं इंसाफ की मांग को लेकर सड़कों पर उतर गई। नारी शक्ति हाथों में कैंडल लेकर बिटिया को श्रद्धांजलि देते हुए इंसाफ के लिए मार्च पर निकल पड़ी।

मालूम हो कि घर से कोचिंग में पढ़ने के लिए निकली बरखेड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम डांडिया राझे की छात्रा को 13 नवंबर को दरिंदों ने रास्ते से अगवा कर लिया था। दरिंदों ने छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी। शव गन्ने के खेत में फेंक दिया था। दुष्कर्म के दौरान दरिंदों ने बीयर पार्टी करके जश्न भी मनाया था। गांव से 500 मीटर की दूरी पर नग्न अवस्था में गन्ने के खेत में उसका शव पड़ा मिला था। शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे और मुंह में कपड़ा घुसा हुआ था। गले में चुनरी कसी हुई थी। प्राइवेट पार्ट के खून निकला हुआ था।

बिटिया के परिवार वालों का कहना है कि वारदात को 84 घंटे बीत चुके हैं। जिले के दोनों बड़े अधिकारियों के द्वारा दिया गया भरोसा भी टूट रहा है। ना तो तो दरिंदे पकड़े गए और ना ही मुआवजा मिला और ना ही परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने की प्रक्रिया।

थाने के अंदर धरने पर बैठा था बिटिया का परिवार

धरने पर बिटिया की मां व अन्य परिजन भी बैठे हैं। बिटिया की मां का धरना स्थल पर रो-रोकर इंसाफ मांगते हुए बुरा हाल था। धरना जिस समय चल रहा था उस समय थाने में पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार, एडीएम केवी सिंह, बीसलपुर एसडीएम और सीओ भी मौजूद थे। उन्होंने हर हाल में दरिंदों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी का भरोसा देते हुए धरना समाप्त कराया।

घटना को दबा रहा है प्रशासन : हेमराज वर्मा

पीलीभीत में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व खाद एवं रसद मंत्री हेमराज वर्मा ने आरोप लगाया कि पीलीभीत का प्रशासन इतना संवेदनहीन है कि लाश मिलने के बाद भी पुलिस ने बिना फॉरेंसिक टीम बुलाए, बिना परिजनों को सूचना दिए, उच्च अधिकारी एवं परिजनों की गैरमौजूदगी में शव को ले जाया गया और साक्ष्य मिटाने का प्रयास भी किया गया। पुलिस प्रशासन का जो रवैया हैं, वह कहीं ना कहीं इस बड़ी घटना में असंवेदनशीलता दिखाते हुए इसको दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

देर से पहुंचने पर बरखेड़ा विधायक को सुनाई खरी-खोटी

बरखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के सत्ताधारी विधायक किशन लाल राजपूत छात्रा के शव बरामदगी के करीब 14 घंटे बाद जब उसके गांव में परिजनों से मिलने पहुंचे तो पूरा गांव उन पर भड़क गया। परिजनों ने विधायक से पहला सवाल किया कि आपको अब पता लग रहा है? विधायक से ग्रामीणों ने बरखेड़ा पुलिस की शिकायत की और बताया कि पुलिस केस दबाने की कोशिश कर रही है। लाश के पास जाने नहीं दिया। फोटो नहीं खींचने दिया। बगैर बताए लाश उठाकर ले गए। बच्चों को चेहरा तक नहीं देखने दिया।

बिटिया को इंसाफ दिलाने सड़क पर उतरी छात्र- छात्राएं

उपाधि महाविद्यालय की छात्र-छात्राओं ने टनकपुर रोड के डिग्री कॉलेज चौराहे पर पहुंचकर पीड़िता को न्याय दिलाने, घटना का खुलासा करके आरोपियों को फांसी की सजा दिलाए जाने की मांग को लेकर पहले तो नारेबाजी की, उसके बाद छात्र-छात्राएं सड़क पर ही धरने पर बैठ गए, सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिटी ने छात्र-छात्राओं को जल्द ही मामले का खुलासा कर आरोपी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया, जिसके बाद छात्र-छात्राओं ने धरना खत्म कर दिया।

अधिवक्ताओं ने भी दिया साथ

बरखेड़ा में छात्रा गैंगरेप हत्या कांड को लेकर अधिवक्ताओं में भी भारी या देखने को मिला। संयुक्त बार एसोसिएशन, सिविल बार एसोसिएशन, सेंट्रल बार एसोसिएशन और रेवेन्यू बार एसोसिएशन ने घटना को लेकर आक्रोशित जताते हुए अदालतों में कामकाज नहीं किया। कहा कि जनपद में महिलाएं और बेटियां सुरक्षित नहीं है।

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