Pilibhit News: ठगी में नहीं मिली बेल, पीलीभीत में बीसलपुर के पालिकाध्यक्ष और उनके बेटों को जेल, जानिए क्या है पूरा मामला?

Pilibhit News: उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने के आरोपी नगर पालिका परिषद (municipality) बीसलपुर (Bisalpur) के चेयरमैन (Chairman) डॉ. नूर अहमद अंसारी (Dr. Noor Ahmad Ansari) और उनके दोनों बेटों को अदालत ने जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर जेल भेज दिया।

Update: 2022-05-11 16:46 GMT

Pilibhit News: ठगी में नहीं मिली बेल, पीलीभीत में बीसलपुर के पालिकाध्यक्ष और उनके बेटों को जेल, जानिए क्या है पूरा मामला?

निर्मल कांत शुक्ल की रिपोर्ट

Pilibhit News: उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने के आरोपी नगर पालिका परिषद (municipality) बीसलपुर (Bisalpur) के चेयरमैन (Chairman) डॉ. नूर अहमद अंसारी (Dr. Noor Ahmad Ansari) और उनके दोनों बेटों को अदालत ने जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर जेल भेज दिया। तीनों ही आज तक की अंतरिम जमानत पर थे।

नगर पालिका परिषद बीसलपुर के चेयरमैन डॉ. नूर अहमद अंसारी व उनके बेटे शाहबाज उर्फ निक्की व मोहम्मद आगाज धोखाधड़ी के मामले में आज बुधवार तक की अंतरिम जमानत पर थे। उच्च न्यायालय के आदेश पर चेयरमैन व उनके दोनों बेटों ने बुधवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) मुन्ना लाल के न्यायालय में आत्मसमर्पण कर जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। अभियोजन पक्ष ने जमानत दिए जाने का पुरजोर विरोध किया। जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने आरोपी चेयरमैन को एक संभ्रांत नागरिक बताया। उनके बेटे मोहम्मद आगाज को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मदनापुर जनपद शाहजहांपुर में सरकारी सेवक होना बताया। दूसरे बेटे शाहबाज उर्फ निक्की को बीटीसी धारक और उच्च शिक्षा प्राप्त प्राइवेट शिक्षक बताया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनने के बाद चेयरमैन व उनके दोनों बेटों का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। अदालत ने तीनों को जेल भेज दिया।

यह था पूरा मामला

कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआईआर में गुलाम नबी आजाद पुत्र छोटे बक्स ने कहा था कि उनके रिश्तेदार मोहम्मद रजाक व मोहम्मद फारुख पुत्रगण फकीरे व इरशाद अहमद पुत्र निसार अहमद, नबी हसन, शाहबाज उर्फ निक्की व मोहम्मद आगाज पुत्रगण नूर अहमद निवासी मोहल्ला ग्यासपुर ने नगर पालिका बीसलपुर में नौकरी लगवाने के नाम पर 4 लाख 75 हजार रुपए मांगे थे। आरोप है कि पीड़ित ने 75 हजार नगद अतीक अहमद व इसरार अली, यसीम के सामने नगर पालिका अध्यक्ष नूर अहमद अंसारी पुत्र अब्दुल्लाह व उनके पुत्रों ने हाथ में लिए। चारों ने गिन कर धनराशि ले ली तथा शेष धनराशि लोगों की मांग के अनुसार 4 लाख रुपए नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष के कहने पर उनके पुत्र नबी हसन के बैंक खाता संख्या में डलवा दिए। आरोप है कि नौकरी के नाम पर नगर पालिका परिषद द्वारा संचालित एसआरएम इंटर कॉलेज में व अन्य चार को नियुक्त होना बताकर बैठा दिया।

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आरोप हैं कि 3 माह तक काम करने के बाद वेतन की मांग की तो नूर अहमद और उनके पुत्रों व रिश्तेदारों ने तरह तरह से धमकियां दी तथा कोई कार्रवाई करने पर कत्ल करा दिए जाने को कहा। ठगी की जानकारी होने पर पीड़ित ने दिया गया रुपया वापस मांगा तो नूर अहमद उसके पुत्रों एवं पत्नी व सभी रिश्तेदार धमकाने लगे तथा जान से मार डालने को कहने लगे। फर्जी नौकरी दिलवाने संबंधित फोन रिकॉर्डिंग तथा नौकरी लगवाने पर कार्यालय बाबू मोहम्मद शकील द्वारा पीड़ित तथा अन्य चयनित को एक नए रजिस्टर पर दस्तखत कराते हुए फोटो वीडियो तथा बैंक खाता संख्या से ठगों द्वारा साजिशन लिया गया धन का साक्ष्य मौजूद है। 17 नवंबर 2018 को पीड़ित से सुलह करने व सैलरी देने के लिए पुनः अपने घर पर शाम को फोन करके बुलाया और अतीक अहमद के सामने पीड़ित को15 हजार रुपए माह अक्टूबर 2018 का वेतन लाकर दिया।

आरोप है कि उस समय भी सभी ने पीड़ित को गालियां देना शुरु कर दी तथा उसका कत्ल करा देने की धमकी दी। आरोप हैं कि 18 नवंबर 2018 को 10 बजे सुबह नबी हसन पुत्र नूर हसन ने हाथ में तमंचा लिए हुए आए, जान से मार देने की नीयत से कनपटी पर तमंचा लगा दिया तथा जान से मार डालने की नईयत से गला दबा दिया, जिससे पीड़ित का दम घुटने लगा। अतीक अहमद, खालिद आदि ने बमुश्किल बचाया। तभी वह बेहोश होकर गिर पड़ा। भीड़ इकट्ठी होने पर नबी हसन व इरशाद पीड़ित को मरा समझकर भाग गए।

पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर 9 लोग मोहम्मद रजाक, मोहम्मद फारुख, इरशाद अहमद, नबी अहमद, शाहबाज उर्फ निक्की, मोहम्मद आगाज, नूर अहमद, मोहम्मद शकील बाबू और श्रीमती रेहाना को नामजद करते हुए 420, 506 और 307 के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

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