Piyush Jain : 8 महीने बाद जेल से बाहर आया काली कमाई का धनकुबेर पीयूष जैन, 198 करोड़ कैश की हुई थी बरामदगी
Piyush Jain : कानपुर का रहने वाला इत्र कारोबारी और काली कमाई का धनकुबेर पीयूष जैन तमाम गफलतों के बाद आज गुरुवार आखिरकार जेल से रिहा हो गया। कुछ तकनीकी दिक्क़तों के बाद जेल पहुंचे परवाने के बाद उसे जेल से छोड़ दिया गया।
Piyush Jain : कानपुर का रहने वाला इत्र कारोबारी और काली कमाई का धनकुबेर पीयूष जैन तमाम गफलतों के बाद आज गुरुवार आखिरकार जेल से रिहा हो गया। कुछ तकनीकी दिक्क़तों के बाद जेल पहुंचे परवाने के बाद उसे जेल से छोड़ दिया गया। 198 करोड़ रूपये और सोना बरामदगी के बाद पीयूष जैन को जेल में 251 दिन बिताने पड़े। जेल से निकलने के बाद पीयूष जैन ने बाहर मौजूद मीडिया से एक शब्द नहीं कहा और अपने वकील के साथ गाड़ी में बैठकर चला गया।
पीयूष जैन को लेने के लिए एडवोकेट अंबर भरतिया हाईकोर्ट के एडवोकेट अनुराग खन्ना और उनकी टीम मौजूद रही। दोपहर 1 बजकर 48 मिनट पर पीयूष जैन जेल से निकला। उससे तमाम तरह के सवाल करने का प्रयास किया गया मगर उसने किसी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया। वो एक गाड़ी में बैठा और निकल गया। एडवोकेट अंबर भरतिया ने कहा कि कारोबारी को क्यों और कैसे जमानत मिली ये हाईकोर्ट के आदेश में स्पष्ट है।
आपको बता दें कि इत्र कारोबारी पीयूष जैन को बीती एक सितंबर को हाईकोर्ट से 196 करोड़ रुपये बरामदगी मामले में जमानत मिली थी। इस मामले में उसकी पत्नी कल्पना जैन और बेटा प्रियांश जैन ने दस-दस लाख रुपये की एफडी (फिक्स्ड डिपाजिट) बंधपत्र के रूप में दाखिल की थी। एफडी का सत्यापन होने के बाद बुधवार की शाम पीयूष को जेल से छोड़ने का परवाना जेल भेजा गया था।
ये है पूरा मामला
इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर पर 23 दिसंबर 2021 की रात अहमदाबाद की डीडीजीआई टीम ने छापा मारा था। जहां से कई दिनों की छानबीन के बाद 197 करोड़ की नकदी बरामद हुई थी। पीयूष के कन्नौज वाले घर से 23 किग्रा सोना भी बरामद हुआ था। उसके बाद 27 दिसंबर को डीडीजीआई ने पीयूष को जेल भेज दिया था। जेल जाने के बाद लखनऊ की डीआरआई ने पीयूष के कन्नौज वाले घर से बरामद 23 किग्रा सोने को विदेशी बताकर एफआईआर दर्ज की थी। तब से पीयूष कानपुर जेल में बंद था।
अखिलेश पर कसा था योगी ने तंज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि पहले विकास योजनाओं का पैसा चंद लोग हड़प जाते थे। यही पैसा अब दीवारों से निकल रहा है। कल 257 करोड़ और कई किलो सोना और चांदी निकला, आज भी लगभग 100 करोड़ रुपये और कई किलो सोना और चांदी निकल रहा है। यह गरीब का पैसा है। गरीब का पैसा सत्ता के संरक्षण में कैसे लूटा जाता था, इसका प्रमाण भी है। समाजवादी पार्टी से जुड़े जिस व्यक्ति के पास से यह पैसा निकल रहा है वह कभी समाजवादी इत्र की बात करता था, तब हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने कहा था कि यह समाजवादी इत्र नहीं समाजवादी बदबू है जो गरीबों की बद्दुआ को लेकर प्रदेश के अंदर फैलाई जा रही है। यह गरीबों की आह का प्रतीक है।
सपा ने भाजपा को दिया था जवाब
सपा ने पीयूष जैन प्रकरण पर भाजपा को जवाब दिया था। सपा ने कहा था कि भाजपा सरकार को पीयूष जैन और पुष्पराज जैन उर्फ पंपी में अंतर नहीं दिख रहा है। कहा कि पुष्पराज जैन उर्फ पंपी सपा के एमएलसी हैं। वह एक बड़े कारोबारी हैं। उन्होंने ही समाजवादी इत्र बनाया था। भाजपा ने केवल सपा को बदनाम करने की नियत से पीयूष जैन को जबरन सपा का समर्थक दर्शाकर पार्टी की छवि को धूमिल करने का नाकाम प्रयास किया है। सोशल मीडिया पर अनाप-शनाप बयानबाजी कर पार्टी की छवि को धूमिल की जा रही है। जिसे संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा।