योगी के गोरखपुर में दरोगा ही बना लूटेरा, ज्वैलर्स से लूटे 35 लाख तब पता चला इनका कितना बड़ा है गैंग
पुलिस को संदेह है कि पुलिस वालों के लूट का यह गैंग अधिक फैला हुआ है और इसमें कई अन्य पुलिस वाले भी शामिल हो सकते हैं...
जनज्वार। उत्तरप्रदेश के महाराजगंज जिले के दो सर्राफा कारोबारी से लूटपाट की घटना को अंजाम देने वाले तीन पुलिस कर्मी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। गिरफ्तार किए गए पुलिसकर्मियों में एक दारोगा धर्मेंद्र यादव व दो सिपाही संतोष यादव व महेंद्र यादव शामिल हैं। इसके अलावा दो मुखबिर व एक ड्राइवर यानी कुल छह को गिरफ्तार किया है। इस मामले में नौ पुलिस कर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड भी कर दिया गया है।
महाराजगजं के निचलौल निवासी दीपक व राम वर्मा बुधवार को बस से गहनों की खरीदारी के लिए लखनऊ जा रहे थे। इसी दौरान गोरखपुर में रेलवे स्टेशन के पास वर्दीधारी दारोगा व दो सिपाहियों ने उन्हें पकड़ लिया और तस्करी का आरोप लगाते हुए पूछताछ करने के लिए आटो में बैठाकर उन्हें नौसढ ले गए। वहां लेकर तीनों पुलिस वालों ने दोनों की पिटााई की और रुपये से भरा बैग व गहने छीन लिया।
पुलिस के अनुसार, ज्वेलर्स से कुल 35 लाख की लूट की गयी थी, जो बरामद कर लिया गया। इसमें 19 लाख नकदी व शेष राशि के सोना व चांदी थे। वर्दी वाले अपराधियों ने घटना को अंजाम देने के लिए खुद को कस्टम का अधिकारी बनाया और पीड़ितों को तस्कर करार दिया।
इसके बाद ज्वेलरी कारोबारी की शिकायत पर गोरखपुर के कैंट थाने में शिकायत दर्ज की गयी। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि उनसे लूट करने वाले पुलिस की वर्दी पहने हुए थे। कैंट थाना ने शिकायत पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज किया और जांच शुरू की। इस कार्य में कैंट पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच व नौसढ़ चौकी प्रभारी को भी शामिल किया गया।
जांच के बाद पुलिस ने सूचना के आधार पर पुरानी बस्ती थाना पहुंच कर वहां से बोलेरो, लूटी गयी रकम और गहने बरामद किए। इस घटना को अंजाम देने वाले दारोगा व दो सिपाहियों को भी पुलिस ने दबोच लिया। इस मामले में शामिल रहे एक अन्य सिपाही की तलाश की जा रही है।
दबोचे गए दारोगा व सिपाहियों से पूछताछ में पता चला कि वे पहले भी कई लूट कांडों को अंजाम दे चुके हैं। इस मामले में इनके लिए मुखबिरी करने वाले दो युवकों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं, लापरवाही बरतने को लेकर कई के पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। पुरानी बस्ती थाने में दारोगा धर्मेंद्र यादव 2018 से बलिया से ट्रांसफर होकर आने के बाद से तैनात था जबकि दोनों कांस्टेबल की जनवरी 2019 में इस थाने में तैनात किए गए थे। इस गिरोह में अन्य पुलिस कर्मियों शामिल होने का अंदेशा है और इसको लेकर जांच की जा रही है।