यूपी के प्राइमरी स्कूलों की जर्जर हालत, क्या मुरादनगर जैसी घटना का इंतजार कर रहे जिम्मेदार?
यूपी के शिक्षामंत्री के गृहनगर इटवा तक में स्कूल की हालत ठीक नहीं है, आप नेता व सांसद संजय सिंह ने इसे लेकर ट्वीट भी किया है, उन्होंने लिखा है कि 'स्कूलों की हालत बताने लगेंगे तो पत्थर भी आँसू बहाने लगेंगे....
जनज्वार ब्यूरो/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने स्कूलों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। बीते दिनों आप के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया यूपी के शिक्षामंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी को खुली बहस के लिए चुनौती भी दे चुके हैं। जिसके चलते प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिक्षामंत्री का नाम लिखी एक कुर्सी भी खाली छोड़ी गई थी।
यूपी में स्कूलों की हालत वाकई बेहद जर्जर है। ऐसे में सरकार अगर छाती पीटकर मुँहबासी करे तो उचित नहीं है। अकेले लखनऊ में 249 प्राइमरी स्कूल इस हालत में हैं कि कभी भी ढह सकते हैं। इसके अलावा शहर में 51 स्कूल इस हालत में हैं जो बच्चों के बैठने लायक ही नहीं बचे हैं। यह बात लॉकडाउन के दौरान विभाग के सर्वे में सामने आई थी। हालांकि इन 249 जर्जर हो चुके स्कूलों पर कमेटी रिपोर्ट तैयार कर रही, पर इनका जीर्णोद्धार कब होगा कहा नहीं जा सकता।
यूपी के शिक्षामंत्री के गृहनगर इटवा तक में स्कूल की हालत ठीक नहीं है। आप नेता व सांसद संजय सिंह ने इसे लेकर ट्वीट भी किया है। उन्होंने लिखा है कि 'स्कूलों की हालत बताने लगेंगे तो पत्थर भी आँसू बहाने लगेंगे' ये UP के शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के वि.स. का आवासीय बालिका विद्यालय है। न चहरदिवारी का पता है, न कमरे ठीक हैं, न पानी का इंतजाम है, न पढ़ाई का। मंत्री जी ने कहा था हमारे स्कूल देखोगे तो आँखें खुली रह जाएँगी।
उत्तर प्रदेश भर के हर एक जिले में बने सैंकड़ो की तादाद में प्राइमरी स्कूल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। बावजूद इसके राज्य सरकार दिन रात हवाई किले बनाने में जुटी हुई है। राज्य के शिक्षामंत्री कभी अपने विधानसभा क्षेत्र इटवा से शायद बाहर ना निकलते हों। जो अभी तक उनकी जानकारी में स्कूलों की हालत नहीं आ पाई। या फिर सूबे के मुखिया सहित उनके मंत्री और जिम्मेदार मुरादनगर जैसी किसी घटना का इंतजार कर रहे हों।