कानपुर में कुख्यात अपराधियों मुन्ना बजरंगी व छोटा राजन के नाम पर छाप दी गयी डाक टिकटें, विभाग ने बैठायी जांच

कानपुर के प्रधान डाकघर द्वारा छोटा राजन और मुन्ना बजरंगी के नाम से पांच-पांच रुपये के 12-12 टिकट छापे गए हैं। कानपुर क्षेत्र के पोस्ट मास्टर जनरल वीके वर्मा ने इसे विभागीय चूक माना है।

Update: 2020-12-29 04:20 GMT

छोटा राजन व मुन्ना बजरंगी की तसवीर के साथ जारी डाक टिकट।

जनज्वार। उत्तरप्रदेश के कानपुर में कुख्यात अपराधियों के नाम पर डाक टिकट छाप दिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह वाकया तब हुआ है जब केंद्र सरकार द्वारा 2017 में अपनी पसंद का डाक टिकट छपवाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा मानक अपनाए जाने का प्रबंध किया है। ऐसे में हिस्ट्रीशीटर बदमाशों के नाम पर डाक टिकट छाप दिया जाना विभागीय लापरवाही का मामला है।

कानपुर के बड़ा चौराहा स्थित प्रधान डाकघर से अंडरवर्ल्ड डाॅन छोटा राजन और पूर्वांचल के माफिया डाॅन मुन्ना बजरंगी के नाम से माई स्टेंड योजना के तहत डाक टिकट जारी कर दिया गया। मामले के सामने आने के बाद पोस्ट माटर जनरल ने डाक टिकट जारी करने वाले डाक सहायक को निलंबित कर दिया और मामले की जांच का आदेश दिया।

कानपुर के प्रधान डाकघर द्वारा छोटा राजन और मुन्ना बजरंगी के नाम से पांच-पांच रुपये के 12-12 टिकट छापे गए हैं। कानपुर क्षेत्र के पोस्ट मास्टर जनरल वीके वर्मा ने इसे विभागीय चूक माना है। माॅय स्टैंप टिकट के आवेदन संबंधी सभी फाइलें मंगा कर जांच की जा रही है।

पोस्ट मास्टर जनरल वीके वर्मा ने कहा है कि प्रथम दृष्टया लापरवाही का मामला सामने आने पर प्रधान डाकघर के फिलेटली विभाग में रजनीश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही विभाग के अन्य कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

माॅय स्टैंप योजना क्या है, जिसमें कोई व्यक्ति टिकटें छपवा सकता है

पहले सिर्फ महा पुरुषों व बड़े राष्ट्रीय प्रतीकों को लेकर डाक टिकटें छपती थीं। लेकिन, नरेंद्र मोदी सरकार ने 2017 में माॅय स्टैंप योजना शुरू की। इस योजना के तहत लोगों को अपनी यादें संजोने के लिए अपनी पसंद के अनुरूप पर डाक टिकटें छपवाने का मौका दिया गया। हालांकि इसके लिए दस्तावेजों की जांच और अन्य आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने का प्रावधान है।

लोग इस योजना के तहत अपने बुजुर्गाें या किसी अन्य याद से जुड़ा डाक टिकट 300 रुपये का शुल्क डाक घर में जमा कर छपवा सकते हैं। 300 रुपये जमा करने पर पांच रुपये मूल्य के 12 टिकटें छापने का नियम है। इसके तहत कोई भी संस्थान, कंपनी, एनजीओ या आम आदमी डाक टिकटें छपवा सकता है।

इसके लिए डाक टिकट छपवाने के इच्छुक व्यक्ति को स्वयं डाकघर जाना होगा और आवश्यक दस्तावेज जमा करना होगा। व्यक्ति को खुद का नाम, पता, इमेल, मोबाइल नंबर सहत अन्य जरूरी जानकारियां देनी होती हैं। डाकघर के वेबकैम से ही संबंधित व्यक्ति का फोटो लेकर डाक टिकट जारी किया जाता है। यह डाक टिकट बिल्कुल पोस्टल स्टैंप की तरह होता है।

अब जब माफिया डाॅन के नाम पर डाक टिकट जारी किया गया है तो यह संभावना है कि इस इस मामले में किसी ने जानबूझ कर विभाग की जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े करने के उद्देश्य से शरारत पूर्ण ढंग से यह कार्रवाई की होगी और संबंधित अफसरों व कर्मियों ने इस प्रक्रिया को पूरी प्रमाणिकता से नहीं किया होगा।

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