विकास दुबे ने क्या 8 पुलिसवालों के हत्याकांड को अंजाम देने के लिए भुनाया था उनकी आपसी रंजिश को

कानपुर एनकाउंटर केस की तह तक पहुंचने पर जो जानकारियां सामने आ रही हैं उसके मुताबिक बिकरू कांड पुलिस की आपसी 'रंजिश' का नतीजा है...

Update: 2020-07-06 05:15 GMT


मनीष दुबे की रिपोर्ट

कानपुर। यूपी में कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसवालों की हुई निर्मम हत्या ने भले ही हर किसी को हैरान कर दिया हो, लेकिन इस केस की तह तक पहुंचने पर जो जानकारियां मिल रही हैं, वे सीधे तौर पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती हैं। जो जानकारियां सामने आ रही हैं उसके मुताबिक बिकरू कांड पुलिस की आपसी 'रंजिश' का नतीजा है।

चौबेपुर थाने के तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और बिल्हौर सर्कल के सीओ देवेंद्र मिश्रा के संबंध बेहद तल्ख चल रहे थे। विनय किसी भी तरह देवेंद्र को सर्कल से हटवाना चाहते थे।

दुश्मनी की जड़ राहुल तिवारी

बिकरू हत्याकांड की जमीन तैयार होती है पास के मुन्ना निवादा गांव से। कुख्यात विकास दूबे के खिलाफ हत्या के प्रयास की एफआईआर लिखवाने वाले राहुल का ससुराल मुन्ना निवादा गांव में है और राहुल की एक साली का मायका बिकरू गांव में है। राहुल की पत्नी का अपनी ही दो बहनों से पैतृक संपत्ति को लेकर आपसी मनमुटाव भी चल रहा है।

राहुल पूरी संपत्ति बेचना चाहता था, लेकिन उसकी एक साली के कहने पर विकास ने इस मामले में हस्तक्षेप किया। इससे राहुल और विकास के संबंध बिगड़ गए। होली पर विकास ने राहुल को कमरे में बंद करके पीटा था, लेकिन उसकी एफआईआर नहीं लिखी गई। बाद में सीओ देवेंद्र मिश्रा के हस्तक्षेप से चौबेपुर थाने में उक्त वारदात की रिपोर्ट लिखी गई थी।

भौंती से चौबेपुर जुआंखने का ट्रांसफर

स्टोरी का दूसरा एंगल कानपुर के भौंती क्षेत्र से जुड़ता है। कुछ समय पहले तक शहर का सबसे बड़ा जुआड़खाना भौंती में चलता था, लेकिन बाद में इसे चौबेपुर में शुरू कराया गया। पुलिस विभाग में जुए के इस अड्डे को लेकर भी तनातनी रहती थी। चौबेपुर एसओ विनय तिवारी की गिनती कुख्यात विकास दूबे के बेहद करीबियों में होती थी। सीनियर अधिकारी देवेंद्र मिश्रा के हस्तक्षेप से एसओ विनय तिवारी खिसियाता था। विकास के सियासी रसूख का इस्तेमाल कर उसने देवेंद्र मिश्रा को हटवाने का प्रयास किया। विनय ने कथित तौर पर विकास के मन में सीओ के खिलाफ खूब जहर भरा। वारदात के दो दिन पहले एसओ समझौते के नाम पर राहुल को लेकर बिकरू गांव पहुंचे। यहां विकास ने राहुल को पीटा। जिसका गवाह पूरा गांव है।

पहले देवेंद्र मिश्रा को मारी गोली

विकास को गिरफ्तार करने और एसओ विनय तिवारी की लापरवाहियों को सामने लाने के लिए गुरुवार 2 जुलाई की रात ऑपरेशन के लिए सीओ देवेंद्र मिश्रा ने एक टीम तैयार की। इसके लिए जिले के सीनियर अधिकारियों से अनुमति ली गई। हालांकि जोश के बीच बड़ी रणनीतिक चूक हुई। सीओ पुलिस टीम का नेतृत्व करते हुए सबसे आगे थे। विकास ने अपनी बंदूक से सबसे पहले सीओ को निशाना बनाकर गोली मारी। रविवार 5 जुलाई की सुबह मुठभेड़ के बाद पकड़े गए विकास के गुर्गे दयाशंकर ने भी कबूला कि विकास ने फायरिंग की थी।

एडीजी जोन कानपुर जय नारायन सिंह ने बताया, 'वारदात के पहले एसओ विनय तिवारी बिकरु गया था, लेकिन किसी सीनियर अधिकारी को इसकी सूचना नहीं दी गई थी। छापे की सूचना भी लीक होने की बात आई है। इसकी जांच जारी है। 8 पुलिसकर्मियों की हत्या में जो भी दोषी जांच के दायरे में आएगा बक्शा नहीं जाएगा। 

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