योगीराज में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबियों की बढ़ती मुश्किलें, ठिकानों पर छापेमारी के बाद एक हिरासत में

हुसैनगंज पुलिस ने एक दिन पहले ही लखनऊ से अतीक अहमद को गिरफ्तार किया, जो मुख्तार अंसारी का बहुत करीबी माना जाता था....

Update: 2020-09-22 13:48 GMT

योगी सरकार मुख्तार के दोनों बेटों पर पहले ही कस चुकी है शिकंजा 

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और यूपी पुलिस का शिकंजा बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उसके करीबियों पर लगातार कसता जा रहा है। बीवी और बेटों पर बड़ी कार्रवाई के बाद आज मंगलवार को यूपी पुलिस ने मुख्तार अंसारी के करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की। गौरतलब है कि एक दिन पहले हुसैनगंज पुलिस मुख्तार अंसारी के करीबी अतीक अहमद को गिरफ्तार कर चुकी है।

अतीक की गिरफ्तारी के बाद लखनऊ पुलिस मुख्तार के करीबियों की तलाश में मंगलवार 22 सितंबर को वजीरगंज पहुंची थी, जहां उसने कई जगहों पर छापेमारी की।

वजीरगंज में मुख्तार अंसारी के करीबी शाहिद और कलीम के घर पर भी यूपी पुलिस ने छापा मारा। पुलिस के मुताबिक विभूतिखंड में छापेमारी के दौरान दौरान गाजीपुर का हिस्ट्रीशीटर बाबू सिंह उसकी पकड़ में आया, जिसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

लखनऊ पुलिस का कहना है कि विभूति खंड से पकड़े गए बाबू सिंह के खिलाफ लखनऊ के कई थानों में दर्जनों मुकदमें दर्ज हैं। फिलहाल यूपी पुलिस का मुख्तार अंसारी और उसके करीबियो पर शिकंजा जारी है।

गौरतलब है कि हुसैनगंज पुलिस ने एक दिन पहले ही लखनऊ से अतीक अहमद को गिरफ्तार किया था, जो मुख्तार अंसारी का बहुत करीबी माना जाता था। पुलिस के मुताबिक आलमबाग निवासी नरेन्द्र से वसूली के मामले में अतीक अहमद को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है।

मुख्तार अंसारी पर योगी सरकार का कितना कहर बरपेगा, इसका सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है। कुछ दिन पहले गाजीपुर शहर कोतवाली ने मुख्तार की पत्नी आफ्सा अंसारी, साले सरजील रजा और अनवद शहजाद के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में वारंट जारी किया गया था। कुछ दिन पहले ही करोड़ो रुपये की अनाधिकृत जमीन से कब्जा हटवाने के बाद प्रशासन ने मुख्तार की पत्नी और साले पर गैंगस्टर की कार्रवाई की थी। कार्रवाई के बाद परिजनों में हड़कंप मच गया था।

पुलिस ने मुख्तार अंसारी और उनके गिरोह के आर्थिक साम्राज्य पर गहरी चोट की है। अब तक की कार्रवाई में मुख्तार गिरोह की सालाना 48 करोड़ रुपये की आय बंद की जा चुकी है। पुलिस ने वाराणसी जोन के अलग-अलग जिलों में प्रतिबंधित मछली कारोबार, स्टोरेज, गिरोह बनाकर वसूली, कोयला कारोबार, बूचड़खाना समेत अन्य अवैध धंधों पर अंकुश लगाकर मुख्तार की कमाई को विराम लगाया है। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक मुख्तार गैंग को मछली कारोबार से ही करीब 33 करोड़ रुपये की सालाना आय होती थी और बाकी आय दूसरे अवैध कार्यों से होती थी।

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