यूपी : दुराचार पीड़िता नाबालिक बेटी को लेकर न्याय के लिए भटक रही मां, मिल रहीं जान से मारने की धमकी

अनीता देवी अपनी मासूम 15 वर्षीय बेटी को लेकर आज भी दर-दर की ठोकरें खाते हुए इसलिए इधर से उधर दौड़ रही हैं कि शायद कहीं से उन्हें न्याय मिल जाए, उनकी फरियाद सुन ली जाए।

Update: 2021-02-14 07:56 GMT

  मिर्जापुर से संतोष देव गिरि की रिपोर्ट

जनज्वार ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि उनकी सरकार महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान देने के लिए उनकी सरकार कटिबद्ध है। हाल के दिनों में प्रदेश के कई जनपदों में महिला उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सरकार ने कड़े कदम भी उठाए हैं, लेकिन इतने सबके बाद भी पुलिस के रवैए में सुधार नहीं हुआ है। कुछेक मामलों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर मामलों में पुलिस ऊंचे रसूख और पद पैसे के प्रभाव में आकर पीड़ितों को न्याय दिलाना तो दूर की बात रही है आरोपितों को ही बचाती हुई नजर आई है। इससे न केवल शोषित गरीब पीड़ित वर्ग हताश और निराश हो जा रहा है, वहीं आरोपित पक्ष के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं जिसका असर यह है कि अपराध खासकर "नारी अपराध" थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मिर्जापुर जनपद के मड़िहान कोतवाली से जुड़ा हुआ है। मड़िहान कोतवाली क्षेत्र के अमोई गांव निवासी अनीता देवी के दर्द की दास्तां लंबी होने के साथ ही बेहद कष्टदायक भी है, जो अपनी 15 वर्षीया नाबालिक बेटी पूजा (काल्पनिक नाम) के साथ हुए अन्याय, दुराचार की घटना से मर्माहत होकर न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खाती फिर रही है। पुलिस ने जहां तहरीर लेने के बाद भी मामूली धाराओं में महज एक को पाबंद करते हुए शेष को खुले में घूमने की आजादी दे रखी है, वहीं आरोपित पीड़िता और उसके परिवार को बराबर देख लेने की धमकी देने के साथ ही दरवाजे पर आकर छींटाकशी करने के साथ आवाजाकशी करते आ रहे हैं। इससे पीड़िता और उसका पूरा परिवार घुटन भरी जिंदगी जीने के लिए विवश है। पुलिस से बार-बार शिकायत करने के बाद भी पुलिस का रवैया बदला नहीं है उल्टे पुलिस की फटकार पीड़ित परिवार को ही सुनी पड़ जाती है। इसका असर यह है कि आरोपित युवकों के हौसले बुलंद बने हुए हैं वह आए दिन पीड़िता के परिवार को धमकियां देने के साथ ही दरवाजे के सामने खड़े होकर फब्तियां कस रहे हैं।

यह है पूरा मामला

दरअसल, पूरा मामला 2 महीने पूर्व का है जिसका दर्द आज भी पीड़िता का पूरा परिवार झेलता आ रहा है, जिसे भुलाया भी नहीं जा सकता है। मिर्जापुर जनपद के मड़िहान कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत अमोई गांव पिछड़े, आदिवासी बाहुल्य इस क्षेत्र के अधिकांश लोगों की जीविका मेहनत-मजदूरी और खेती किसानी पर निर्भर है। यहीं की रहने वाली अनीता देवी कोल अपनी चार संतानों दो बेटों व दो बेटियों के साथ जीवन यापन करती हैं। बेटियों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने की गरज से उन्होंने तमाम दकियानुशी बंदिशों को तोड़ते हुए उन्हें उच्च शिक्षा दिलाने की ठान रखी है। इसी के निम्मित व बेटियों की शिक्षा पर बराबर ध्यान देती रही है। लेकिन 27 नवंबर 2020 को घटित एक घटना ने उन्हें पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया है। वह अंदर से टूट चुकी हैं, लेकिन बेटी के साथ हुए घटना को लेकर वह न्याय के लिए तटस्थ हैं।

अमोई गांव निवासिनी अनीता देवी पत्नी विनोद अन्य दिनों की भांति 27 नवंबर 2020 की सुबह नहाने के लिए निकली थी कि उसके पड़ोस का ही करन उर्फ पतरका पुत्र लोलारक कोल उसे बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। काफी समय बीत जाने के बाद ही बाद भी जब बेटी का कोई पता नहीं चला तो अनीता के परिजन परेशान हो उठे थे। ऐसे तैसे वह दिन बिता, दूसरे दिन 29 नवंबर को अनीता की 15 वर्षीय पुत्री किसी प्रकार उनके चंगुल से भागकर घर आई और जैसे ही अपनी आपबीती दास्तान उसने परिजनों को बताई सभी पछाड़े मार कर रोने लगे थे। पीड़ित बालिका के मुताबिक 27 नवंबर को उसके गांव अमोई के ही करन उर्फ पतरका, पंकज उर्फ पिंटू पिंन्कू तथा अमरेश उर्फ मियां ने उसके साथ बारी-बारी से गलत काम (दुष्कर्म) किया तथा पांच अन्य जो उसी गांव के रहने वाले हैं उसे डराते धमकाते रहे हैं कि "यदि शोर मचाओगी तो चाकू से मार कर तुम्हारी लाश को जंगल में फेंक देंगे।"

बेटी के सकुशल मिलने उसके साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना से आहत पीड़ित परिवार ने किसी प्रकार साहस जुटाकर मड़िहान थाना पुलिस को इसकी लिखित शिकायत देते हुए मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की गुहार लगाई थी। जिस पर पुलिस ने धारा 363, 366 भारतीय दंड विधान का मुकदमा लिख मामले को पूरी तरह से हजम कर लिया।

जिसका असर यह हुआ है कि अब पीड़ित परिवार को बराबर आरोपितों द्वारा जानमाल की धमकी दिए जाने के साथ ही मुकदमा उठा लेने अन्यथा परिणाम गंभीर होने की धमकियां दी जा रही हैं। पीड़ित परिवार का आरोप है कि आए दिन आरोपित उन्हें अशब्दों से नवाजते हुए धमकियां देते फिर रहे हैं यहां तक कि दरवाजे पर चढ़कर बराबर छींटाकशी फब्तियां कस रहे हैं। जिसकी कई बार शिकायत इलाकाई पुलिस से की गई लेकिन पुलिस ने भी ठोस कार्रवाई के बजाय हाथ पर हाथ धरकर बैठ गई है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि नामजद तहरीर दिए जाने के बाद भी बेटी के साथ हुए अशोभनीय कृत को पुलिस ने हल्के में लेते हुए आरोपितों के प्रति नरम रवैया अख्तियार किया हुआ है जिससे बराबर उन्हें जान माल का खतरा बना हुआ है। उनकी बेटियों का घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है।

पुलिस अधीक्षक से जिलाधिकारी तक लगा चुके फरियाद फिर भी सुनवाई नहीं

अनीता देवी अपनी मासूम 15 वर्षीय बेटी को लेकर आज भी दर-दर की ठोकरें खाते हुए इसलिए दौड़ रही हैं कि शायद कहीं से उन्हें न्याय मिल जाए, उनकी फरियाद सुन ली जाए। वह बताती हैं कि उन्होंने पुलिस अधीक्षक से लेकर जिलाधिकारी तक को प्रार्थना पत्र देते हुए थानाध्यक्ष मड़िहान को मेडिकल रिपोर्ट व धारा 164 दं.प्र.सं. के बयान का अवलोकन के पश्चात मुकदमें में बढ़ोतरी किए जाने का आदेश देने की मांग की है, ताकि उनकी और उनकी बेटी के साथ न्याय हो सके। इस घटना के 2 महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी पीड़ित परिवार दहशत में जीवन जीने के साथ ही साथ आरोपितों के तानों और रोज-रोज की धमकियों के बीच घुटन भरी जिंदगी जीने को विवश है।

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