आज़मगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर निकला प्रतिरोध मार्च, बोले अडानी-अंबानी के दबाव में है सरकार
आंदोलनकारी किसानों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार अंबानी-अडानी आदि के जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों के दबाव में है। वह आंदोलन के साथ न्याय नहीं कर रही है।
आजमगढ़। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर जिले के सभी किसान संगठन व नागरिक मंच के सदस्यों ने तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने, एमएसपी को कानून गारंटी देने, किसानों को कर्ज मुक्त करने और 26 जनवरी को गिरफ्तार सभी किसानों को तत्काल रिहा करने की मांग को लेकर के जिलाधिकारी आजमगढ़ के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा।
कचहरी परिसर में 'तीनों किसी कानून -वापस लो', 'एमएसपी को कानूनी दर्जा दो', 'किसानों तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है,' 'किसानों कर्ज से मुक्त करो,' ,स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करो', 'किसान मजदूर छात्र नौजवान एकता जिंदाबाद आदि नारे लगाकर प्रतिरोध मार्च निकाला गया।
आंदोलनकारी किसानों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार अंबानी-अडानी आदि के जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों के दबाव में है। वह आंदोलन के साथ न्याय नहीं कर रही है। किसान संगठनों के साथ हर दौर की वार्ता में उसका रवैया निंदनीय है। पत्रकारों को धरनास्थल पर जाने से रोकने का प्रयास देश के लोकतंत्र के खिलाफ है।
प्रतिरोध मार्च में जयप्रकाश नारायण, रविन्द्र नाथ राय, दुखहरण राम, इन्द्रासन सिंह, विनोद सिंह, वेद उपाध्याय, जियालाल, रामदवर राम, रामराज, रामजन्म यादव, रामाश्रय यादव, रामजीत प्रजापति, कामरेड बसंत, अनिकेत, सुदर्शन राम, ब्रिजेश राय, संदीप, रामकृष्ण यादव, रिहाई मंच के राजीव यादव, विनोद यादव, लक्ष्मण प्रसाद, अवधेश यादव, मुन्ना कुमार यादव सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे।