कानपुर का संजीत हत्यांकाड : परिजन योगी से मिलने निकले, पुलिस ने लौटाया

संजीत की बहन रुचि का कहना है कि सीबीआई जांच के नाम पर पुलिस और अफसर बेवकूफ बनाने में लगे हैं, 15 दिन होने को है, अब तक सीबीआई जांच के लिए नहीं आई है,दूसरे मामलों में तो दो दिन में ही सीबीआई पहुंचकर छानबीन कर लेती है...

Update: 2020-08-14 13:47 GMT

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर के पैथोलॉजी लैब टेक्नीशियन संजीत अपहरण-हत्याकांड की जांच में हो रही देरी से नाराज परिजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने पैदल निकल पड़े, मगर रास्ते में नौबस्ता चौराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। आक्रोशित मां बहन और पिता सहित अन्य लोग वहीं धरने पर बैठ गए। बाद में पुलिस ने समझा-बुझाकर उन्हें घर भेज दिया। भीड़ देखकर पुलिस ने ट्रक और पुलिस जीप लगाकर सर्विस रोड पर आवागमन रोक दिया तो संजीत के स्वजन सर्विस रोड पर बैठ गए और धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। काफी मान-मनौव्वल के बाद एसीएम को ज्ञापन सौंपकर प्रदर्शन खत्म किया।

संजीत की बहन रुचि का कहना है कि सीबीआई जांच के नाम पर पुलिस और अफसर बेवकूफ बनाने में लगे हैं। 15 दिन होने को है, अब तक सीबीआई जांच के लिए नहीं आई है। दूसरे मामलों में तो दो दिन में ही सीबीआई पहुंचकर छानबीन कर लेती है। उन्होंने कहा, "मेरे भाई के मामले में ये लेटलतीफी क्यों?" रुचि का कहना है कि वह स्वजनों के साथ मुख्यमंत्री आवास पैदल जाने के लिए निकली हैं। अगर न्याय नहीं मिला तो स्वजनों संग आत्मदाह करेंगी।

कानपुर के एसपी (साउथ) दीपक ने बताया, "संजीत के परिवार ने अपनी मांग का एक ज्ञापन दिया है, जिसे एसीएम साहब ने ले लिया है। कल भी पीड़ित परिवार ने मुलाकात की थी। उनकी जो भी मांग है, उन्हें मुख्यमंत्री तक पहुंचा दी जाएगी। अब वे लोग अपने घर जा चुके हैं।"

शुक्रवार को संजीव के पिता चमनलाल, मां कुसमा देवी, बहन रुचि औ चाचा कश्मीर सिंह पुलिस को चकमा देकर घर से निकल गए। इसके बाद सामाजिक संस्था ऑपरेशन विजय व सैकड़ों लोग अन्य परिजनों के साथ बड़ागांव से होते हुए बर्रा हाईवे पर पहुंचे। इस दौरान लोग अपने हाथों में तख्तियां लिए हुए थे, जिनमें लिखा था- 'संजीत का शव बरामद करो', 'पुलिस प्रशासन होश में आओ' और 'संजीत के परिवार को न्याय दो'। हाईवे पर करीब 250 लोगों के पैदल मार्च के चलते वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।

इस दौरान सीओ गोविंद नगर सर्किल फोर्स के साथ पहुंचे और परिजनों को बर्रा बाइपास पर रोकने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं रुके। इस दौरान उनसे झड़प भी हुई। संजीत यादव के परिजनों ने एसीएम प्रथम को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया। संजीत के पिता चमनलाल ने बताया कि एसीएम ने उन्हें दो दिन के अंदर मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने का आश्वासन दिया है। लिखित आश्वासन मिलने के बाद परिजनों ने लखनऊ मार्च और प्रदर्शन खत्म किया।

गौरतलब है कि 22 जून को अपहृत लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की फिरौती देने के बावजूद अपहरणकर्ताओं में हत्या कर दी थी। पुलिस ने मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन अब तक न तो संजीव का शव बरामद हुआ और न ही उसका बैग मोबाइल या अन्य कोई सामान। 2 अगस्त को परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर शास्त्री चौक पर धरना दिया। उप्र सरकार की ओर से सीबीआई जांच की सिफारिश किए जाने के बाद भी जांच न शुरू होने से परिजनों में आक्रोश है।

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