28 साल बाद पाकिस्तान से अपने घर कानपुर लौटे शम्सुद्दीन, जासूसी के आरोप में जेल में थे बंद

शम्सुद्दीन 28 साल पहले परिवार के कुछ सदस्यों के साथ विवाद होने के बाद अपना घर छोड़कर चले गए थे, फिर वह अपने एक परिचित के निमंत्रण पर पाकिस्तान चले गए और वहीं रहने लगे थे....

Update: 2020-11-16 09:22 GMT

कानपुर (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के कानपुर का शम्सुद्दीन 28 साल बाद जब रविवार 15 अक्टूबर को पाकिस्तान से अपने घर लौटे तो उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। पाकिस्तान ने उनपर जासूसी के आरोप लगा रखे थे और जेल में बंद कर रखा था।

शम्सुद्दीन 28 साल पहले परिवार के कुछ सदस्यों के साथ विवाद होने के बाद अपना घर छोड़कर चले गए थे। फिर वह अपने एक परिचित के निमंत्रण पर पाकिस्तान चले गए और वहीं रहने लगे। उन्होंने नागरिकता हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज जुटाए और फिर अपने परिवार को भी वहीं बुला लिया और अपना व्यवसाय शुरू किया।

हालांकि कुछ वर्षों के बाद शम्सुद्दीन ने अपने परिवार को वापस भेज दिया। क्योंकि जब वह अपना पासपोर्ट रिन्यू कराने गए तो जाली दस्तावेज के कारण उन्हें जेल भेज दिया गया। कुछ दिन पहले वह अपनी सजा पूरी करके जेल से छूटे और उन्हें भारतीय सेना को वापस सौंप दिया गया।

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कुछ दिन के अनिवार्य क्वारंटीन में रहने के बाद रविवार की रात को उन्हें कानपुर लाया गया। परिवार से छोटी सी मुलाकात के बाद कानपुर पुलिस उन्हें नियमित पूछताछ के लिए ले गई।

उनके छोटे भाई फहीम ने कहा, "हमारे लिए यह अहम है कि वह वापस आ गया है। अतीत पीछे छूट गया है, अब हम भविष्य की ओर देखेंगे।"

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