बिकरु के विकास दुबे कांड में SIT ने दाखिल की 3200 पेज की रिपोर्ट, 80 से ज्यादा लोग हैं दोषी

एसआईटी की पेश इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार आरोपियों को बर्खास्त करने का फैसला ले सकती है, रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे पुलिसवाले विकास दुबे को थाने में चल रही हर गतिविधि के बारे में पहले से ही सचेत कर देते थे....

Update: 2020-11-05 10:41 GMT

कानपुर। डॉन विकास दुबे के द्वारा अंजाम दिए गए बिकरू कांड कि जांच कर रही एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है। 3200 पेज की अपनी रिपोर्ट में एसआईटी ने लगभग 700 पन्नों में पुलिस और अपराधियों के बीच सांठगांठ की बातें दर्ज की हैं। एसआईटी की जांच रिपोर्ट में 80 लोगों पर आरोप सही पाए गए। आरोपियों मे 50 पुलिसवाले शामिल हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है।

एसआईटी की पेश इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार आरोपियों को बर्खास्त करने का फैसला ले सकती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे पुलिसवाले विकास दुबे को थाने में चल रही हर गतिविधि के बारे में पहले से ही सचेत कर देते थे। घटना वाले दिन भी पुलिसवालों ने विकास दुबे पर दबिश के बारे में पहले से ही सब कुछ बता दिया था ताकि वो अपने बचाव को तैयार रहे।

विकास दुबे ने इसी मिली जानकारी के आधार पर ही पहले से ही असलहे और लोगों को इकट्ठा कर लिया था। विकास दुबे ने पहले से ही अपने लोगों को बोल दिया था कि अगर पुलिसवाले रेड के लिये आये तो वो बचकर ज़िंदा ना जाने पाएं। इस मिलीभगत का नतीजा ये हुआ कि घटना के दिन 8 पुलिसवाले बेहद दुर्दांत तरीके से मार दिए गए थे।

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एसआईटी ने अपनी जांच में करीब सौ लोगों को शामिल किया था, जिसमें पुलिसवाले, बिकरू गांव के लोग, कई बाहर के पुलिस अधिकारी और कानपुर के व्यवसायी शामिल थे। इनमें से कुछ लोगों को छोड़कर सबकी कई सालों से विकास दुबे के साथ सांठगांठ पायी गयी।

आपको बता दें कि एसआईटी ने इस मामले मे 9 बिंदुओं पर जांच शुरू की थी। जांच के लिए 31 जुलाई तक का वक्त दिया गया था, लेकिन बाद में जांच का दायरा बढ़ने से वक्त भी बढ़ता गया. इस पूरे मामले मे एसआईटी ने पुलिस, राजस्व, आबकारी समेत कई विभागों के अधिकारियों को भी जांच की जद में लिया था।

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