बलिया पत्रकार हत्या मामले में 6 गिरफ्तार, पत्नी को मिलेगी नौकरी, 10 लाख का मुआवजा
बलिया में पत्रकार हत्या मामले में कुल दस में अबतक छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यूपी सरकार के एक मंत्री ने मौके का जायजा लिया है और पत्नी को नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया है...
जनज्वार। उत्तर प्रदेश के बलिया में सोमवार देर शाम एक निजी न्यूज चैनल के पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दिए जाने के मामले में अबतक छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं, मृत पत्रकार के परिजनों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान किया है। उत्तरप्रदेश सरकार के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने मंगलवार को जिला अस्पताल का दौरा किया और घटना को नृशंस हत्याकांड करार दिया।
बलिया में दिवंगत पत्रकार के परिजनों से मिले मंत्री @anandswarupbjp
— Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) August 25, 2020
"मृतक परिवार के साथ सरकार खड़ी, मुआवजा की राशि बढ़ाने और पत्नी को सरकारी नौकरी देने का आग्रह सीएम से करेंगे। अभी तक छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, अन्य दोषियों पर कार्यवाही भी होंगी" pic.twitter.com/tJo5S8rUy5
मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने कहा कि हम इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुआवजा बढाने का आग्रह करेंगे। एक तबक 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग कर रहा है। मंत्री ने मृत पत्रकार रतन सिंह की पत्नी को नौकरी देने का भी आश्वासन दिया।
UP Minister Anand Swarup Shukla visits district hospital after journalist Ratan Singh was shot dead in Balia district.
— ANI UP (@ANINewsUP) August 25, 2020
He says, "A journalist has been brutally murdered & we are taking this issue seriously. Will request CM Yogi to increase compensation & give a job to his wife." pic.twitter.com/pNmAqyesGV
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने बलिया में पत्रकार की हत्या की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि उत्तरप्रदेश में हर दिन अपराध बढ रहा है और अब हमारे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला हो रहा है। मीडिया के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बताता है कि राज्य में काूनन व्यवस्था बुरे हाल में है।बलिया में पत्रकार हत्या मामले में कुल दस में अबतक छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया हैै। यूपी सरकार के एक मंत्री ने मौके का जायजा लिया है और पत्नी को नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया है...
In the state of Uttar Pradesh, crime rate is increasing every day. Now, the situation has arrived when the fourth pillar of democracy, our media personnel are being targetted. It shows that the law & order situation in the state is miserable: BSP chief Mayawati pic.twitter.com/0kzH8cQEBV
— ANI UP (@ANINewsUP) August 25, 2020
सोमवार रात पत्रकार हत्या की घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वो भाग निकले। घटना के बाद पहुंचे एसपी देवेंद्र नाथ, समेत कई अधिकारी तहकीकात में रात भर जुटे रहे। इस मामले में अभी तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पत्रकार के परिजन को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। बलिया पुलिस अधीक्षक के पीआरओ विवेक पांडेय ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने अब तक 6 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि कई अन्य की तालाश जारी है।
आजमगढ़ के डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि मामले में 10 आरोपी हैं। इनमें कई मुख्य आरोपी गिरफ्तार हो गये हैं। जो फरार हैं उनकी तलाश जारी है। उन्होंने बताया कि इस घटना में पत्रकारिता से संबंधित कोई बात शामिल नहीं है। यह पूरी तरह से दो पक्षों के बीच जमीन विवाद का मामला है।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक पत्रकार के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने उनके परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके अलावा आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि पत्रकार रतन सिंह सोमवार शाम को गांव में ही किसी के यहां बैठने के बाद पैदल ही वापस घर जा रहे थे, तभी कुछ लोगों ने उन पर फायर कर दिया।
ग्रामीणों के अनुसार जान बचाने के लिए रतन ग्राम प्रधान में घर में घुस गए लेकिन हमलावरों ने पीछा नहीं छोड़ा और एक-एक कर तीन गोलियां दाग दी। इससे रतन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ दिनों पहले रतन का उनके पट्टीदारों से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। तब उन्होंने जान से मार देने की धमकी भी दी थी। इस वारदात के बाद लोगों ने फेफना-रसड़ा मार्ग को जाम कर दिया। लोग आरोपियों की गिरफ्तारी और एसओ फेफना शशिमौली पांडेय को बर्खास्त करने की मांग करने लगे। परिजनों ने फेफना पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। मौके पर पहुंचे एसपी ने एसओ फेफना शशिमौली पांडेय को सस्पेंड करने और जांच के बाद अन्य पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का भरोसा देकर जाम खत्म करावाया।