संजीत हत्याकांड को लेकर कानपुर पहुंचे अखिलेश यादव, बोले नाकाम रहा पुलिस प्रशासन

पूर्व मुख्यमंत्री ने संजीत हत्याकांड के बाद अब तक डेड बॉडी ना मिलना पुलिस विभाग की सबसे बड़ी नाकामी बताया, साथ ही जिन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी उनकी बहाली करना योगी सरकार की मिली जुली साजिश का एक उदाहरण होना बताया....

Update: 2020-12-09 13:43 GMT

जनज्वार ब्यूरो/कानपुर। शहर के बहुचर्चित संजीत यादव अपहरण और हत्याकांड को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज परिवार से मुलाकात की। कोरोना काल के बाद म्रतक संजीत के परिजनो से मिलने कानपुर के बर्रा स्थित घर पहुंचे। तय कार्यक्रम से एक डेढ़ घंटे देरी से पहुंचे अखिलेश सीधे संजीत के माता पिता और बहन से मिले।

सपा मुखिया ने तकरीबन 20 मिनट तक परिजनों से मुलाकात करते हुए ढांढस बंधाया और परिजनों के आंसू पोछते हुए सीआईडी मांग को पूरा कराए जाने का आश्वासन दिया। अखिलेश ने साथ ही पीड़ित परिवार को यह भी विश्वास दिलाया कि योगी सरकार की हीलाहवाली का उनकी पार्टी विरोध जताएगी। इस दौरान अखिलेश यादव मीडिया से रूबरू नहीं हुए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने संजीत हत्याकांड के बाद अब तक डेड बॉडी ना मिलना पुलिस विभाग की सबसे बड़ी नाकामी बताया। साथ ही जिन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी उनकी बहाली करना योगी सरकार की मिली जुली साजिश का एक उदाहरण होना बताया। अखिलेश ने कहा कि उन्होंने संजीत के परिवार से कोरोना काल खत्म होने के बाद मिलने का वादा किया था, जो पूरा किया है।

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अनुसाशनहीनता पर जताई नाराजगी

अखिलेश यादव संजीत के परिजनों से मुलाकात कर ही रहे थे कि तभी अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की अनुशासनहीनता को देख वह नाराज हो गए। जिसके बाद बिना मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव संजीत के घर से रवाना हो गए। जिसके बाद वह अपने दूर के एक रिश्तेदार की लड़की की शादी समारोह में शामिल हुए।

जाम से जूझे लोग

अखिलेश यादव के शहर आगमन को लेकर सुबह से ही प्रशाशन चौकन्ना था। दर्जनों गाड़ियों के काफिले को निकालने के लिए चौराहों-चौराहों पर तैनात पुलिस बल ने आमजन को जहां का तहां रोक दिया। इस दौरान बर्रा, साकेत नगर में लोगों को जाम से भी दो चार होना पड़ा।

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